कुमार इंदर, जबलपुर।  तिरुपति बालाजी मंदिर प्रसादम मामले में ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि तिरुपति के प्रसाद में अपवित्र घटक मिलाना समस्त हिन्दू जनसमुदाय के प्रति अपराध है, दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर  न्यायालय में अभियोग चलाने की मांग की है। शंकराचार्य ने बड़ी कमेटी बनाकर जांच कर कड़ा दंड दिए जाने की मांग की है। 

यह किसी की हत्या करने से भी बड़ी बात

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह किसी की हत्या करने से भी बड़ी बात है। दंड ऐसा मिले कि भविष्य के लिए उदाहरण बन जाए। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष सरकारें धर्म स्थानों में रहेंगी तो यही परिणाम होगा। तिरुपति की घटना हिंदुओं को जागरूक करती है कि धर्म स्थानों से सरकारों का हस्तक्षेप खत्म हो। 

बद्रीनाथ केदारनाथ में भी परंपरा को तोड़ा जा रहा

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि तिरुपति के रास्ते बद्रीनाथ केदारनाथ में भी परंपरा को तोड़ा जा रहा है। परंपरागत प्रक्रिया को छोड़कर सीधी भर्ती की जा रही है, तिरुपति जैसी साजिश दूसरे मठ मंदिरों में भी करने की जताई आशंका। मठ मंदिरों में इस तरह की गलतियां बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। दोषी कितना भी बड़ा हो जांच कर उसको सामने लाया जाना चाहिए। 

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सभी मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो

वहीं शंकराचार्य ने मामले का खुलासा करने पर आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू का भी अभिनंदन किया है। सनातन धर्म के सभी मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि आरोपों में सच्चाई नहीं होती तो अब तक चंद्रबाबू नायडू का घेराव हो जाता। घी की कीमत पर भी शंकराचार्य ने सवाल उठाए है। साढ़े तीन सौ का घी आज के जमाने में कहां मिलता? करोड़ों लोगों की पवित्रता को भंग करने का अपराध किया जा रहा है। 

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