कमल वर्मा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के विशेष सत्र न्यायालय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले 68 साल के बुजुर्ग हजरत अली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर 11 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। महज 8 माह में मामले की ट्रायल पूरी कर कोर्ट ने दोषी को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया है। साथ ही पीड़िता को पुनर्वास के लिए प्रतिकर के रूप में 2 लाख रुपए दिए जाने का आदेश भी दिया है।

मदरसे से लौटी बच्ची के साथ किया था गलत काम

दरअसल, नाबालिग पीड़िता की मां ने 4 अगस्त 2024 को कंपू थाने में शिकायती आवेदन दिया था। उसने बताया कि दो बच्चों के साथ शहर में रहती है। उसकी लड़की 8 साल की है। वह सुबह 10 बजे मदरसा से लौटने के बाद मोहल्ले में चाची के घर खेलने गई थी। वहां से करीब 12:30 बजे घर लौटने के बाद उसने बताया कि जब वह चाची के घर खेलने गई थी, तब वहां हजरत अली आया और उसके साथ गलत काम किया। 

कोर्ट ने कहा- घृणित मानसिकता को दर्शाता है अपराध 

पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया। कोर्ट ने 68 साल के बुजुर्ग को दोषी मानते हुए कहा कि अभियुक्त ने जिस तरह से 12 साल से कम उम्र की बालिका के प्रति अपराध किया जो उसकी घृणित मानसिकता को दर्शाताहै। पीड़िता जो अभियुक्त को दादा कहती थी, उसके प्रति किए गए अपराध को देखते हुए अभियुक्त के प्रति सहानुभूति किया जाना या न्यूनतम दंडादेश से दंडित किया जाना, उचित प्रतीत नहीं होता है। बल्कि अभियुक्त को उदाहरण स्वरूप दंड से दंडित किया जाना उचित प्रतीत होता है। जिस पर उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। नया कानून, भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद महज आठ माह में मामले की ट्रायल पूरी कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही ये केस जिला न्यायालय ग्वालियर का पहला केस बन गया है, जिसमें आजीवन कारावास की सजा दी गई है।

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