कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। यह खबर आपको हैरान कर सकती है। आज के आधुनिक दौर में क्या आपने कभी मरा हुआ इंसान देखा है या उसकी आवाज सुनी है? लेकिन लल्लूराम डॉट कॉम (Lalluram.com) पर आज हम एक मरे हुए इंसान से आपको रूबरू कराएंगे जो आज भी भटक रहा है।

दरअसल, मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर का है। जहां नगर निगम मुख्यालय जिसे लाल बिल्डिंग के नाम से जाना जाता है। वहां एक मरा हुआ इंसान भटक रहा है। इस मरे हुए इंसान की खासियत यह है कि यह सिर्फ नगर निगम के अधिकारियों और स्टाफ को नहीं दिखता है। आम व्यक्ति इस मरे हुए इंसान को देख सकता है। यहां तक कि छू भी सकता है। शख्स ने खुद बताया कि आखिर वह मरने के बाद भी किस कारण से नगर निगम की बिल्डिंग में आज भी भटक रहा है।

आपको बता दें कि यह मरा हुआ इंसान अजय प्रजापति है जो ग्वालियर के खिड़की वाला मोहल्ले का रहने वाला है। इसे सिस्टम के भ्रष्टाचार ने जीते जी मार डाला। बाकायदा नगर निगम ग्वालियर ने इसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बना डाला। 

दस्तावेजों के मुताबिक अजय प्रजापति की मौत 16 मार्च 2020 को हुई। यानी 5 साल पहले उसकी मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया गया। जिसके चलते वह नगर निगम की बिल्डिंग में “मैं मरा हुआ हूं, मैं भूत हूँ” कहते हुए भटक रहा है। अजय प्रजापति को अपनी मौत की जानकारी उस वक्त लगी, जब वह मोबाइल फाइनेंस कराने के लिए दुकान पर पहुंचा। लेकिन दुकान संचालक ने उसे बताया कि उसका आधार कार्ड काम नहीं कर रहा है। जब वह आधार कार्ड केंद्र पर पहुंचा तो उसे मालूम हुआ कि उसका आधार कार्ड सस्पेंड हो चुका है, क्योंकि उसकी मौत हो चुकी है। यह सुनकर उसके पांव तले जमीन खिसक गई।

उसने जब नगर निगम के जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में डेथ सर्टिफिकेट कॉपी के लिए अप्लाई किया तो उसे उसका डेथ सर्टिफिकेट थमा दिया गया। अजय प्रजापति ने इस मामले की शिकायत ग्वालियर नगर निगम के अधिकारियों से की है। अजय प्रजापति का कहना है कि उसे दस्तावेजो में किसने और क्यों मारा यह पता नहीं है। लेकिन अजय और उसके परिजनों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से एक गरीब मजदूर को जीते जी मार देने पर दोषी नगर निगम के अधिकारी और षड्यंत्र करने वाले अज्ञात आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

वही इस गंभीर मामले पर नगर निगम अपर आयुक्त विजय राज का कहना है कि अजय प्रजापति नाम के व्यक्ति ने शिकायत की है। उसने जो क्लेम किया है उसे देखते हुए जन्म एवं मृत्यु शाखा प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि वह शिकायतकर्ता अजय द्वारा पेश किए गए सभी दस्तावेजों का परीक्षण करें। इसके साथ ही खुद को अजय प्रजापति साबित करने के लिए किसी परिजन की प्रत्यक्ष गवाही के लिए निर्देशित किया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 बहरहाल अजय प्रजापति के मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिए जाने के कारण आज अजय अपनी तीन बेटियों का स्कूल में एडमिशन नहीं करा पा रहा है। नगर निगम की समग्र आईडी से नाम भी हटा दिया गया है यहां तक की राशन मिलना भी बंद हो गया है। यही वजह है कि अजय ने न्याय की गुहार लगाई है।

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