कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. बौद्ध धर्म गुरु के विवादित बयान को लेकर साधु-संत, वकील और हिंदू संगठनों में नाराजगी है. महंत रामसेवक दास महाराज ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है. उनका कहना है कि रामकृष्ण जन्म की धरा पर, यदि कोई ब्रह्मा-विष्णु महेश को नहीं मानेगा उनके अवतार की अवधारणा को नहीं मानेगा. ऐसे लोगों को देश के बाहर निकाल देना चाहिए. आज ऐसे लोग हिंदू धर्म और सनातन को टारगेट कर रहे हैं. कल वही हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी मंदिर से उखाड़ फेंकने का काम करेंगे. ऐसे में केंद्र सरकार प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन को ऐसे आयोजनों पर सख्ती के साथ प्रतिबंध लगाना चाहिए.

हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ जयवीर भारद्वाज ने बौद्ध धर्म के सम्मेलन में बौद्धाचार्य सूरज राही के शपथ दिलान के मामले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि बौद्ध धर्म में आरक्षण का प्रावधान नहीं है. वहां जातियां नहीं होती है. ऐसी स्थिति में जिन लोगों ने हिंदू धर्म को त्यागने की शपथ ली है. उनकी आरक्षण सुविधाओं पर रोक लगाई जानी चाहिए.

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हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म अपनाने वाले इस वीडियो की शिकायत शहर के एडवोकेट आशीष प्रताप सिंह ने कलेक्टर से की है. एडवोकेट का आरोप है कि इस आयोजन के साथ 10 हजार लोगों के हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाने की जानकारी सोशल मीडिया पर पहले से ही जारी की जा रही थी. डॉ भीमराव अंबेडकर की ग्वालियर हाईकोर्ट में प्रतिमा न लगाए जाने की विरोध के बाद यह आयोजन किया गया. प्रशासन दावा करता रहा कि वह सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी कर रहा है. लेकिन यह आयोजन प्रशासन का फेलियर है. ऐसे में अब इस मामले की शिकायत कर कार्यक्रम आयोजकों पर कार्रवाई की मांग की गई है.

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बता दें कि धर्म परिवर्तन के लिए संविधान में नियम बनाया गया है. जिसके तहत उस प्रक्रिया का पालन करना होता है. जैसे कि…

  • मध्य प्रदेश राजपत्र के तहत धर्म संपरिवर्तन से पहले पूर्व घोषणा की जाती है.
  • कोई व्यक्ति जो धर्म-संपरिवर्तित करना चाहता है. इस कथन के साथ कि वह स्वयं की स्वतंत्र इच्छा से और बिना किसी बल, प्रपीड़न असम्यक् असर या प्रलोभन के अपना धर्म-संपरिवर्तन करना चाहता है. जिला मजिस्ट्रेट को विहित प्ररूप में, ऐसे धर्म-संपरिवर्तन से साठ दिवस पूर्व, इस आशय की घोषणा प्रस्तुत करेगा.
  • कोई धर्माचार्य और/या कोई व्यक्ति जो धर्म-संपविर्तन का आयोजन करना चाहता है, उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को जहां ऐसा धर्म-संपरिवर्तन आयोजित किया जाना प्रस्तावित है, ऐसे प्ररूप में जैसे कि विहित किया जाए साठ दिवस की पूर्व सूचना देगा.
  • जिला मजिस्ट्रेट उपधारा (१) और (२) के अधीन सूचना प्राप्त होने पर ऐसे प्ररूप में, जैसा कि विहित किया जाए ऐसी पूर्व सूचना की पावती देगा.

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