कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. फर्जीवाड़े को लेकर बदनाम हो चुकी ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में एक और बड़ा मामला सामने आया है. झुंडपुरा के फर्जी शिव शक्ति कॉलेज में फर्जी तरीके से प्रिंसिपल नियुक्ति मामले में जीवाजी विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसर पर ई- FIR दर्ज कराई गई है. पीड़ित प्रिंसिपल डॉ अरुण कुमार शर्मा की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है.

शिकायतकर्ता प्रिंसिपल डॉ अरुण कुमार शर्मा का आरोप है कि विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसर ने झुंडपुरा के शिव शक्ति कॉलेज के लिए प्रिंसिपल के पद पर इंटरव्यू आयोजित किया था. जिसके लिए दस्तावेजों के मुताबिक तीन आवेदक उनके सहित प्रकिया में शामिल किए गए. जीवाजी विश्वविद्यालय के पूर्व रेक्टर मौजूदा डीन प्रो. डीएन गोस्वामी, डीन प्रो. विवेक वापट और रिटायर्ड प्रो एके हल्वे ने इंटरव्यू आयोजित कर उनको शिव शक्ति कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया.

फर्जी दस्तावेजों के जरिए बनाया प्रिंसिपल

लेकिन यह सब नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह से फर्जी रही. 24 मई 2015 को इन तीनों प्रोफेसर ने कॉलेज संचालक से सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए उन्हें प्रिंसिपल बना दिया. जबकि उन्होंने इस पद के लिए कोई भी नियुक्ति आवेदन नहीं किया था. वह इंटरव्यू के लिए भी शामिल नहीं हुए थे. उसके बावजूद 24 मई को तीनों आरोपी प्रोफेसर ने प्रिंसिपल के रूप में उनकी नियुक्ति कर दी.

फर्जी तरीके से नियुक्ति

अरुण शर्मा का यह भी कहना है कि वह आर्यंस कॉलेज आर्ट्स एंड मैनेजमेंट धनेली मुरार में प्रिंसिपल पद पर कार्यरत थे. उनका झुंडपुरा के शिव शक्ति कॉलेज से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है. लेकिन फर्जीवाड़े के जरिए उनकी फर्जी तरीके से नियुक्ति कर दी गई. फर्जी एकाउंट खोलकर उसमें सैलरी आई और निकली भी गई. जीवाजी विश्वविद्यालय में बहुत सारे फर्जीवाड़े हुए हैं.

एसपी से की सुरक्षा की मांग

पहले भी उनकी शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलगुरु सहित 17 प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. अरुण शर्मा का कहना है कि ग्वालियर में बीते कुछ दिनों में गोलीबारी की कई घटनाएं सामने आई है. जिसमें लोगों की जान भी गई है. ऐसे में अरुण शर्मा ने खुद की जान को आरोपी प्रोफेसर से खतरा बताया है और ग्वालियर एसपी से सुरक्षा की मांग की है.

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