कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम अब अपने कचरे से गैस और एनर्जी तैयार करने जा रहा है, ग्वालियर में कचरे से अब बायोगैस बनेगी इसके साथ ही चार मेगावाट बिजली तैयार होगी। केंद्र सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत निगम को लगभग 193 करोड़ की राशि देगी। नगर निगम ने दो प्लांट लगाने की डीपीआर भोपाल भेज दी है। ग्वालियर में हर रोज लगभग 550 टन कचरा निकलता है जिसका निष्पादन करना निगम के लिए एक बड़ा चैलेंज बना हुआ है।

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ग्वालियर नगर निगम शहर के कचरे से अब एनर्जी तैयार करेगा। ग्वालियर नगरीय क्षेत्र से हर रोज लगभग 550 टन कचरा निकलता है, लेकिन इसका निष्पादन कैसे किया जाए, यह निगम के लिए एक बड़ा चैलेंज अभी तक बना है। लेकिन अब नगर निगम केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन से मिलने वाली राशि के जरिए एक बड़ा प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है। 

लगभग 193 करोड़ रुपए की लागत वाले कचरा निष्पादन से जुड़े प्रोजेक्ट की डीपीआर ग्वालियर नगर निगम ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को भेज दी है। इस प्लान के तहत नगर निगम सीबीजी प्लांट विथ सॉलिड बेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट और बेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाएगा।

सीबीजी प्लांट विथ सॉलिड बेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट  

शहर से निकलने वाले सूखे कचरे का उपयोग बायोगैस बनाने में किया जाएगा। इस प्लांट पर लगभग 85 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इससे शहर के अंदर से कचरा साफ होगा, साथ ही कचरे की मांग बढ़ने से यह सड़कों पर कम मिलेगा।

वेस्ट टू एनर्जी प्लांट  

यह प्लांट क्लस्टर आधारित रहेगा, इस प्लांट से रोजाना लगभग 4 मेगावाट बिजली बनेगी, इस प्लांट की लागत लगभग 108 करोड रुपए आएगी। इससे कचरे की डिमांड अधिक होने से शहर के आसपास कचरे के पहाड़ धीरे-धीरे खत्म होंगे, जिससे कचरा भी नहीं जलेगा।

बहरहाल भोपाल नगरीय निकाय यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी देकर राशि जारी करेगा,तो इसके जरिए शहर की आबोहवा पर भी फायदा होगा। क्योंकि कचरे के जलने के कारण सबसे ज्यादा शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स प्रभावित होता है।

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