कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. जीवाजी यूनिवर्सिटी के झुंडपुरा कॉलेज फर्जीवाड़े को उजागर करने वाले पूर्व मानसेवी प्रोफेसर ने एक बार फिर विश्विद्यालय के फर्जीवाड़े के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को उन्होंने कुलगुरु बंगले से दंडवत यात्रा निकाली. यूनिवर्सिटी गेट पर लोटन यात्रा की. इतना ही नहीं अरुण शर्मा ने यूनिवर्सिटी के घोटाले का मटका फोड़ने के बाद मुंडन भी कराया.

डॉ अरुण शर्मा ने यह प्रदर्शन विश्विद्यालय में सम्बद्धता के नाम पर लगातार घोटालो के खिलाफ किया है. इस बार जीवाजी यूनिवर्सिटी ने 416 निजी कॉलेजों को संबद्धता दी है. इन निजी कॉलेजों में कुल 01 लाख 80 हजार छात्र दर्ज हैं. लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इन 416 में से सिर्फ 14 कॉलेज में ही प्रिंसिपल तैनात है और वहीं छात्रों को पढ़ाने के लिए 31 प्रोफेसर हैं.

दंडवत और लोटन यात्रा

इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि शिक्षा माफिया और जीवाजी यूनिवर्सिटी के गठजोड़ से यह भ्रष्टाचार पनप रहा है. इसी को लेकर डॉ अरुण शर्मा ने आज VC बंगला से लेकर जीवाजी यूनिवर्सिटी तक सड़क पर दंडवत और लोटन यात्रा की. वही जीवाजी यूनिवर्सिटी में पहुंचकर मुंडन कराया और भ्रष्टाचार का घड़ा भी फोड़ा.

यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध निजी कॉलेज की मान्यता और आंकड़े

जीवाजी विश्विद्यालय में निजी कॉलेजों को सम्बद्धता देने के साथ बड़ा घोटाला और फर्जीवाड़ा किया जाता है. आइए एक नजर डालते हैं जीवाजी यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध निजी कॉलेज की मान्यता और आंकड़ों पर…

जीवाजी विश्विद्यालय से सम्बद्ध कॉलेज
416 निजी कॉलेज
14 प्रिंसिपल
31 शिक्षक
1 लाख 80 हजार छात्र

प्रोफेसर्स और अधिकारी मिलीभगत

यह आंकड़े बताते हैं कि ग्वालियर चंबल-अंचल में शिक्षा माफिया का मकड़जाल फैला हुआ है. अंचल में जीवाजी यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त 416 कॉलेजों में से अधिकांश फर्जी तरीके से कागजों पर संचालित हो रहे हैं. जीवाजी विश्विद्यालय के प्रोफेसर्स और अधिकारी मिलीभगत करके इन कॉलेजों को मान्यता दिलाते हैं. कॉलेज संचालक कागजों पर बाहरी राज्यों के छात्रों को कॉलेज में प्रवेश देकर मोटी वसूली तो करते हैं. साथ ही वही फर्जी कागजों के आधार पर सरकारी छात्रवृत्ति भी कॉलेज संचालक हड़प लेते हैं.

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़

मान्यता से लेकर छात्रवृत्ति के इस महाघोटाले में प्रशासनिक अफसरों से लेकर जीवाजी विश्विद्यालय के प्रोफेसर्स तक का हिस्सा तय रहता है. छात्र संगठन और पूर्व छात्र कहते हैं कि बीते सालों में घोटालों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हुए हैं. जिसके चलते कार्रवाई हुई है. उन का यह भी कहना है कि फर्जीवाड़ा के चलते छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है.

NSUI ने कही ये बात

NSUI के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर्यन शर्मा का कहना है कि हाईकोर्ट में मुरैना जिले के झुंडपुरा के फर्जी कॉलेज सामने आने के बाद से इस महाघोटाले का खुलासा हुआ है. फर्जी तरीके से मान्यता देने के चलते ईओडब्ल्यू ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरु सहित 19 प्रोफेसर्स पर धोखाधड़ी जलसाजी का केस दर्ज किया है. वही इस मामले में राज्यपाल ने कुलगुरु को भी बर्खास्त कर दिया था. लेकिन इसके बाद भी मान्यता देने के नाम पर चल रहे घोटालों का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है.

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H