कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक महिला अपने दो बच्चों के साथ इच्छा मृत्यु की मांग लेकर कलेक्टर जनसुनवाई में पहुंची. दरअसल, पति की मौत के बाद जमीन पर परिवार के लोगों ने कब्जा कर लिया है. न्याय नहीं मिलने से आहत होकर महिला उसका बेटा और बेटी इच्छा मृत्यु की मांग लेकर कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में पहुंचे थे.

बता दें कि लक्ष्मीगंज इलाके में रहने वाली सुशीला माहौर के पति भगवान दास की मृत्यु हो चुकी है. जिले के आरोली गांव में महिला की साढ़े सात बीघा जमीन दस्तावेजों में तो उसकी है. लेकिन उस पर जेठ और देवर का कब्जा आज भी बना है. साल 2022 में तहसीलदार ने कागजों में कब्जा भी दिलाया था. लेकिन आज तक उस जमीन पर वह खेती भी नहीं कर पा रही है.

तख्ती लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे

इस मामले में उसने थाने से लेकर कलेक्ट्रेट शिकायत की. लेकिन न्याय नहीं मिला. जिससे आहत होकर मंगलवार को सुशीला अपने बेटे और बेटी के साथ इच्छा मृत्यु की तख्ती लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची. पीड़िता और उसके बेटे सोनू माहौर ने अपनी शिकायती आवेदन के साथ इच्छा मृत्यु की मांग कलेक्टर से की है. उनका कहना है कि मुकुंदी, उदयराज, रामू और रामकिशोर उनकी जमीन पर कब्जा किए हुए हैं.

कई बार लगाए कलेक्टर दफ्तर के चक्कर

उन्होंने बताया कि साल 2022 में तहसीलदार कोर्ट के निर्देश पर इनका कब्जा हटाया गया था. लेकिन इसके बावजूद भी वो उन्हें जमीन पर खेती करने नहीं दे रहे हैं. जिसके चलते परिवार का भरण पोषण भी प्रभावित हो रहा है. थाने से लेकर कलेक्टर दफ्तर के कई बार चक्कर लगाए. अधिकारियों से गुहार लगाई. लेकिन आरोपियों पर कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया है.

कब्जा दिलाने के निर्देश

उनका कहना है कि अब सिर्फ इच्छा मृत्यु ही बाकी रह गई है. न्याय नहीं मिलेगा तो ऐसी स्थिति में मरना ही एकमात्र आखिरी कदम होगा. फिलहाल, इस मामले में जिला प्रशासन ने संज्ञान लेकर तहसीलदार को जांच कर महिला को कब्जा दिलाने के निर्देश दिए हैं.

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