कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शहरी क्षेत्र की बदहाल सड़कों को लेकर नगर निगम ने एक अजब गजब कदम उठाया है। निगम कमिश्नर अमन वैष्णव के निर्देश पर अब क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली दूसरे विभागों की सड़कों पर बोर्ड लगाने की कवायद शुरू की है। यह कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि दूसरे विभाग की सड़कों पर होने वाले पैच रिपेयरिंग और रखरखाव सहित अन्य खर्चों को रोकने के साथ ही स्थानीय लोगों के फूटने वाले गुस्से से खुद को बचा सकें।

बारिश के मौसम में ज्यादा बदहाल हो जाती है सड़क की हालत

दरअसल, ग्वालियर के शहरी क्षेत्र में नगर निगम के अलावा भी अलग-अलग विभागों की सड़क भी होती है। लेकिन बारिश के मौसम में इनकी हालत ज्यादा बदहाल हो जाती है। इस वजह से स्थानीय लोगों की नाराजगी भी झेलनी पड़ती है। ऐसे में नगर निगम को अन्य सड़कों की पैच रिपेयरिंग और रखरखाव भी करना पड़ जाता है। जिसके चलते अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

विभाग की पहचान के लिए लगा रहे बोर्ड

जिन विभागों के अंतर्गत वह सड़क आती है, उनकी ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता। यही वजह है कि निगम कमिश्नर ने शहरी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली दूसरे विभागों की रोड पर उसके नाम सहित अन्य जानकारी वाला बोर्ड लगना शुरू किया है। ताकि क्षेत्रीय लोग संबंधित विभाग के पास जाकर उस सड़क के रखरखाव और दुरुस्त करने से जुड़ी बात कर सकें।

एक नजर डालते हैं सड़क और उससे जुड़े विभाग पर 

– लोक निर्माण विभाग कुल 29 सड़क
– स्मार्ट सिटी कुल 07 सड़क
– MPRDC कुल 03 सड़क
– नेशनल हाइवे कुल 03 सड़क
– आरईएस कुल 01 सड़क
– मंडी बोर्ड कुल 01 सड़क
– छावनी बोर्ड कुल 03 सड़क
– नगर निगम शहर की बची अन्य सभी सड़कें

गौरतलब है कि नगर निगम ने दूसरे विभागों की रोड पर बोर्ड लगाना शुरू किया है। जिसमें दर्शाया जा रहा है कि यह सड़क कौन सी है और इसे किसने बनाया ? इसमें विभाग सहित अन्य जानकारी भी शामिल है। अब देखना होगा कि इस कदम के बाद विभाग अपनी सड़को का किस तरह रखरखाव करते हैं।

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