कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. प्रदेश के 32 हजार से ज्यादा NHM संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. ग्वालियर के फूलबाग चौराहा पर भी बड़ी संख्या में कर्मचारी धरने पर बैठे हुए हैं. जबकि अन्य जिलों में भी स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी है.
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 जुलाई 2023 को भोपाल में महापंचायत बुलाकर संविदा कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएं की थी. जिसके परिपालन में सामान्य प्रशासन विभाग ने 23 जुलाई 2023 को संविदा कर्मचारियों के लिए एक नीति की सौगात दी. लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल ने संविदा कर्मचारियों को दी गई सुविधाओं में कटौती की. जिनमें यह शामिल है.
- विभाग में रिक्त पदों पर संविलियन किया जाकर, नियमित किया जाए.
- पूर्व से दी जा रही सुविधाओं में ईएल और मेडिकल को पृथक कर दिया है.
- अनुबंध प्रथा को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया है.
- अप्रेजल जैसी कुरीति को यथावत रखा गया है.
- सेवा निवृत्ति की आयु में 65 वर्ष से घटाकर 62 वर्ष किया गया है.
- एनपीएस, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य बीमा और डीए की सुविधा से वंचित रखा गया है.
- शासन द्वारा समकक्षता (वेतन विसंगति) का निर्धारण गलत तरीके से किया गया
है, जिसमें पुनः विचार कर संशोधन किया जाए. - निष्कासित सपोर्ट स्टॉफ और मलेरिया एमपीडब्ल्यू की एनएचएम में वापसी.
स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि उनकी इन जायज मांगों का जब तक निराकरण नहीं किया जाता तब तक वह प्रदर्शन जारी रखेंगे.
ये है प्रमुख मांगें
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन पूर्व में सेवाऐं दे चुके सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए अविा पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अधीन संविदा में मर्ज किया जाए.
- विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहें आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग में तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के नियमित रिक्त पदों पर मर्ज किया जाए.
- संविदा नीति 2018 और 2023 की नीति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार नीति अनुसार मंहगाई भत्ता सहित नीति का पूर्ण लाभ दिया जाए.
- विभाग के अधीन 3 वर्ष से लगाता सेवाएं दे चुके आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन नियमों में परिवर्तन किया जाए और वेतन वृद्धि की जाए.
- नियमित, संविदा कर्मचारियों की तरह आउसोर्स की महिला कर्मचारियों को (1) 6 माह का प्रसूति अवकाश दिया जाए. (2) 15 दिवस का मेडिकल अवकाश दिया जाए. (3) 15 EL अवकाश दिया जाए. (4) आकस्मिक अवकाश दिया जाए.
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन दिया जाए.
- निष्कासित कर्मचारियों को वापस लिया जाए.
- भविष्य में बिना जांच के किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को सेवा से पृथक न किया जाए.
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