संदीप दीक्षित, गुना। एक दिन पहले एक महिला द्वारा रास्ते में ही शिशु को जन्म देने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी गलती मामने से इनकार कर दिया है. सीएमएचओ ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि आशा कार्यकर्ता कोरोना पॉजिटिव होने के कारण होम आइसोलेशन में थी. इसलिए समय पर मदद नहीं मिल पाई.

महिला द्वारा रास्ते में ही शिशु को जन्म देने से व्यवस्थाओं पर सवाल

बता दें कि कल ही जिले के फतेहगढ़ क्षेत्र में में एक महिला द्वारा रास्ते में ही शिशु को जन्म देने का मामला सामने आया था. इस मामले में सीएमएचओ डॉ पुरुषोत्तम बुनकर ने सफाई दी है. गुना सीएमएचओ डॉक्टर पुरुषोत्तम बुनकर का कहना है कि महिला का परिवार उस समय घर पर नहीं था जब उसे प्रसव पीड़ा हुई. इसलिए उसने आशा कार्यकर्ता को फोन लगाया, लेकिन आशा कार्यकर्ता कोरोना पॉजिटिव होने के चलते आइसोलेशन में थी. वे महिला की मदद के लिए नहीं जा सकी.

महिला को फतेहगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया

इसके बाद जननी एक्सप्रेस के मौके पर नहीं पहुंचने को लेकर भी सीएमएचओ ने विभाग की गलती मानने से इनकार किया और कहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जननी एक्सप्रेस को फोन लगाया गया, लेकिन फोन नहीं लगा. इसलिए महिला अधिक प्रसव पीड़ा होने के चलते पैदल ही निकल पड़ी. इसके बाद गांव के बाहर ही उसने एक शिशु को जन्म दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने उसकी मदद की. सीएमएचओ का दावा है कि ग्रामीणों के फोन के बाद जननी एक्सप्रेस तुरंत मौके पर पहुंच गई और महिला को फतेहगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ है. लोगों ने एक दिन पहले रास्ते में हुए प्रसव के मामले ने जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े किए थे.