शुभम जायसवाल, राजगढ़। मध्यप्रदेश में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ऐसे ही नहीं कहती कि प्रदेश में माफियाओं का राज है। इसका जीता जागता एक उदाहरण राजगढ़ जिले से सामने आया है, जहां नेशनल हाइवे किनारे स्टॉल लगाकर शराब बेची जा रही है। मामले में पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग की खामोशी समझ से परे है। लोग दोनों विभाग पर सवाल उठा रहे है ?
इस मार्ग से जिले के तमाम जिम्मेदार अधिकारी निकलते
दरअसल जिले के नेशनल हाईवे किनारे कटारिया खेड़ी में स्टॉल लगाकर शराब अवैध रूप से बेची जा रही है। इस रोड़ पर रात दिन वीवीआईपी (VVIP) सहित जिले के तमाम जिम्मेदार अधिकारी निकलते हैं। शराब माफियाओं का दबदबा इस कदर बढ़ चुका है कि कानून और व्यवस्था अब उनके लिए महज मजाक बन गई है। आम जनता देख और समझ रही है लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग मानों आंखों पर पट्टी बांधकर बैठा हो।
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स्वतंत्रता दिवस पर भी आधी कीमत पर शराब बेची
शराब माफिया नियम और कायदों को ठेंगा दिखाकर शराब का अवैध कारोबार कर रहे है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग इस मुद्दे पर मौन क्यों है ? क्या कही कोई सांठगांठ है या फिर किसी राजनीतिक या आर्थिक दबाव में कार्रवाई नहीं की जा रही है। सबसे बड़ा आश्चर्य यह है कि शुष्क दिवस (स्वतंत्रता दिवस) पर भी आधी कीमत पर शराब बेची गई।
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