हेमंत शर्मा, इंदौर। देवास-हाऊ बायपास की खराब हालत को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि वे खुद इस सड़क से गुजरे हैं और इसकी हालत बेहद खराब है। कोर्ट ने एनएचएआई (NHAI) को चार सप्ताह के भीतर सड़क की मरम्मत करने का आदेश दिया है। याचिका को इंदौर निवासी अनिष्ट पटेल ने दायर की थी। याचिका में बताया कि देवास-हाऊ बायपास पर जगह-जगह गहरे गड्ढे हैं, जिनसे आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इस दौरान एनएचएआई (NHAI) के वकील ने कहा कि मरम्मत के लिए उन्हें तीन महीने का समय चाहिए, लेकिन कोर्ट ने इसे अधिक मानते हुए चार सप्ताह के भीतर काम पूरा करने के निर्देश दिए।
एनएचएआई के तर्क पर कोर्ट की प्रतिक्रिया
एनएचएआई (NHAI) के वकील ने कोर्ट को बताया कि बारिश के कारण सड़क का काम शुरू नहीं हो सका। अब पैचवर्क कर सड़क को दुरुस्त किया जाएगा। इस पर कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि बारिश खत्म हुए काफी समय हो गया है, फिर भी काम क्यों नहीं हुआ। एनएचएआई ने कहा कि उन्हें मरम्मत के लिए तीन महीने का समय चाहिए, पर कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए केवल चार सप्ताह का समय दिया।
याचिकाकर्ता का दावा और कोर्ट की सख्ती
याचिकाकर्ता अनिष्ट पटेल ने कोर्ट को बताया कि देवास-हाऊ बायपास लगभग 42-45 किलोमीटर लंबा है और इस पर रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। सड़क की हालत बहुत खराब है, जबकि यहां से भारी मात्रा में टोल वसूला जा रहा है। कोर्ट ने एनएचएआई (NHAI) को फटकार लगाते हुए कहा कि सड़क की मरम्मत जल्द पूरी होनी चाहिए ताकि जनता को राहत मिले। कोर्ट ने एनएचएआई को यह भी निर्देश दिया कि वे काम की प्रगति की जानकारी दें और चार सप्ताह के भीतर सुधार कार्य पूरा करें। कोर्ट ने यह मामला एक महीने बाद फिर से सुनवाई के लिए रखा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बायपास की हालत में सुधार हुआ है या नहीं।
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