कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश में आधे अधूरे स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को लेकर राज्य सरकार के जवाब से हाईकोर्ट खफा है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि 84 करोड़ रुपए से 8 साल में कौन कौन से उपकरण खरीदे गए। सरकार को दोबारा से हलफनामे में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
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बता दें कि साल 2016 में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए 135 करोड रुपए स्वीकृत हुए थे। आखिर भारी भरकम बजट कैंसर इंस्टीट्यूट में मशीनें मिलने के बाद भी मशीनें क्यों नहीं खरीदी गई। याचिका में दावा किया कि- 84 करोड रुपए सरकार के खाते में होने के बावजूद नहीं लगाई गई। याचिका में दावा किया कि- स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में मशीन ना होने से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। मरीज को रेडिएशन थेरेपी का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। कैंसर के मरीजों को इलाज कराने बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ रहा है। जबलपुर निवासी अधिवक्ता विकास महावर ने याचिका दायर की है। मेडिकल कॉलेज परिसर में 50 करोड रुपए से कैंसर इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग बनी है।
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