कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट के ग्वालियर खंडपीठ ने सिविल जज की कार्यप्रणाली पर की तल्ख टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने “सिविल जज वर्षा भलावी की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई” है।
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हाईकोर्ट ने कहा- “जज को कानून का ज्ञान नहीं, प्रशिक्षण की आवश्यकता” है। पूर्ण रूप से स्पष्ट है कि सिविल जज को कानून का ज्ञान नहीं उन्हें प्रशिक्षण की आवश्यकता है। हाईकोर्ट ने आदेश की कॉपी जिला न्यायाधीश और ट्रेनिंग सेंटर के डायरेक्टर और रजिस्ट्रार को भेजने के निर्देश दिए है।
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दरअसल पैतृक संपत्ति के मामले में सिविल जज ने अजीब फैसला दिया था। मां ने वसीयत में बेटे को वारिस बनाया था। सिविल जज ने उसे नहीं माना। मामले को लेकर बेटे ने ग्वालियर हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान बेटे का दवा वाजिब पाया। हाईकोर्ट ने सिविल जज का आदेश निरस्त कर यह टिप्पणी की है।
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