भोपाल। मध्य प्रदेश कैबिनेट के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का आज एक अजीबोगरीब बयान सामने आया है. उन्होंने खुले मंच से मैकाले की शिक्षा नीति को दोषी ठहराते हुए शिक्षा को रोजगार से इतर बता दिया और कहा कि शिक्षा का रोजगार से कोई संबंध नहीं है. क्योंकि अशिक्षित व्यक्ति के पास आज सबसे ज्यादा रोजगार हैं. जिसके बाद मंच में बैठे लोग भी भौचक्का रह गए.
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव आज अपने एक दिवसीय प्रवास पर रीवा पहुंचे, जहां पर उन्होंने विधि महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया. इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने अजीबोगरीब बयान दे डाला और मैकाले की शिक्षा पद्धति को दोषी ठहराते हुए कहा कि शिक्षा का रोजगार से कोई संबंध नहीं है. शिक्षा मंत्री इतने पर ही नहीं रुके और उन्होंने यह कहा कि शिक्षित व्यक्ति आज 5000 की नौकरी करते हुए 15 वर्ष का समय गुजार देता है. जबकि अशिक्षित व्यक्ति अच्छे रोजगार में होता है.
उन्होंने कहा कि शिक्षित व्यक्ति को किसी भी प्रकार के अन्य रोजगार करने में शर्म आती है. जिसकी वजह से वह सफल नहीं हो पाता है. वही अशिक्षित व्यक्ति किसी भी प्रकार के रोजगार को करने में पीछे नहीं हटता और वह सफल हो जाता है. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने मैकाले की शिक्षा पद्धति को गलत ठहराते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा बहुत जल्द नई शिक्षा पद्धति लाई जा रही है. जिससे हम यह सिद्ध करेंगे कि शिक्षा का संबंध रोजगार से बिल्कुल नहीं है.
दरअसल विधि महाविद्यालय के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान जैसे ही उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का यह बयान आया, तो लोग भौचक्का रह गए और सोचने लगे कि आखिर शिक्षा का संबंध रोजगार से क्यों नहीं हो सकता।