विजेंद्र सिंह राणा, सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर से बड़ी खबर सामने आई है। आष्टा के शांति नगर में कारोबारी मनोज परमार ने पत्नी के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। वह राहुल गांधी को गुल्लक देकर चर्चा में आए थे। 8 दिन पहले ED ने उनके घर पर छापा मारकर संपत्ति सीज कर दी थी। मृतक के पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है।

कारोबारी की मौत के बाद दिग्विजय सिंह ने ED की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “ED से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया है। राहुल गांधी को बच्चों ने गुल्लक भेंट की थी, जिसकी वजह से मनोज के घर पर ED ने छापा मारा था।”

5 दिसंबर को ED ने दी थी दबिश

दरअसल, गुल्लक टीम चलाने वाले मनोज परमार अपने निवास पर पत्नी के साथ फांसी के फंदे पर लटके मिले। 5 दिसंबर को उनके ठिकानों पर ED ने दबिश दी थी। जिसके बाद उनकी चल-अचल संपत्ति को सीज कर दिया गया था। उनके बच्चे गुल्लक टीम संचालित करते हैं।

कांग्रेस समर्थक होने की वजह से हुई थी रेड!

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “आष्टा  सिहोर जिला मप्र के मनोज परमार को बिना कारण ED द्वारा परेशान किया जा रहा था। मनोज परमार के बच्चों ने राहुल जी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर भोपाल ED के Astt Director संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। मनोज के अनुसार उस पर रेड इसलिए डाली गई क्योंकि वह कांग्रेस का समर्थक है।”

दिग्विजय सिंह ने कहा – वकील की कर दी थी व्यवस्था

उन्होंने आगे कहा, “मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी। लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि आज उसने व उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्महत्या कर ली। मैं इस प्रकरण में Director ED से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं।”

दिग्विजय का आरोप- बच्चों ने राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की, इस वजह से परेशान कर रही थी ED 

दिग्विजय सिंह नेछापामारी के दस्तावेज भी सोशल मीडिया पर साझा किए हैं। उन्होंने लिखा, “मनोज परमार के घर पर ED ने जो रेड डाली  थी, उसका पंचनामा। उसको इसलिए परेशान किया जा रहा था क्योंकि उसके बच्चों ने Bharat Jodo Yatra में ⁦राहुल गांधी को अपनी बचत से गुल्लक भेंट की थी। इन बच्चों का जो आज अनाथ हो गये हैं हम पूरा ख्याल  रखेंगे।⁩

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने एजेंसी की वर्किंग पर संसद में डिबेट को बताया जरुरी

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने इस सुसाइड केस को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा, “इसकी सम्पूर्ण जांच होनी चाहिए। एजेंसीज की वर्किंग पे संसद में डिबेट जरूर होना चाहिए। अधिकारियों को प्रताड़ित करने का अधिकार किसने दिया है ? जरूरत पड़ी तो न्यायिक जांच की दरखास्त हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी लग सकती है। बहुत दुखद।

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