रेणु अग्रवाल, धार। कोरोना संक्रमण काल में जहां लोग इस भयानक बीमारी के डर से अपनों का साथ छोड़ दे रहे हैं, अर्थियों को कंधा देने के लिए चार लोग भी नसीब नहीं हो रहे हैं. ऐसे आपदाकाल में एक शख्स ने मानवता की मिसाल पेश की है. जेल से 15 दिनों के लिए पैरोल पर छूटे इस शख्स ने मुक्तिधाम में अपनों से ठुकराएं शवों का अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया है. वो भी पूरी विधि विधान के साथ.
इस विषम परिस्थिति में इनकी इस मानवता और सेवा भावना को देखते हुए जेल प्रशासन ने भी इसकी पैरोल की अवधि और दो माह के लिए बढ़ा दी है. जिससे इनकी सेवा भाव जारी रहे और ये लोगों का अंतिम संस्कार कर सके.
यह कैदी मुक्तिधाम में मृतकों की अंतिम क्रिया के सारे कामों में हाथ बंटाकर सहयोग कर रहा
जानलेवा बीमारी कोरोना संक्रमण के ऐसे माहौल में जिले के एक कैदी का काम सभी के लिये मिसाल बना हुआ है. यह कैदी मुक्तिधाम में मृतकों की अंतिम क्रिया के सारे कामों में हाथ बंटाकर सहयोग कर रहा है. जी हां ये शख्स है धार का श्याम बाबा जो हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. जेल में इनका ह्दय परिवर्तन हुआ और अपना पूरा जीवन अब समाज सेवा को समर्पित कर दिया है. 15 दिनों की पैरोल पर छूटा श्याम मुक्तिधाम में पहुंचने वाले शवों की अंतिम क्रिया से संबंधित सारे काम कर रहा है. एंबुलेंस से शवों को उतारना, लकडियां जमाना, अंतिम क्रिया करना, चिताओ को अग्नि देने जैसे सारे काम वो खुद कर रहे हैं.
जेल छूटने के बाद अपना पूरा जीवन मानव सेवा में बिताएंगे
उन्होंने बताया कि कई बार सिर्फ दो लोग ही डेड बॅाडी को लेकर आते हैं. शरीर वजनी होने के कारण सिर्फ दो लोग डेड बॅाडी को चिता पर नहीं रख सकते हैं. ऐसे में वे बॅाडी को चिता पर रखने में मदद करते हैं. इसी तरह कई परिजन सरकारी गाड़ी में कोरोना संक्रमितों का शव लेकर आते हैं और बिना जलाए छोड़कर चले भी जाते हैं. ऐसे शवों को वे मुक्तिधाम में तैनात लोगों की मदद से अंतिम संस्कार करते हैं. उन्होंने बताया कि वे जेल छूटने के बाद अपना पूरा जीवन मानव सेवा में बिताएंगे.
समाजसेवी हेमंत सिंह पवार सहित अन्य लोगों ने उनकी सेवा भावना से जुड़े इस पुण्य के कामों की सराहना की
मानवता की मिसाल पेश करने वाले श्याम के पैरोल की अवधि जेल प्रशासन ने अब दो महीने के लिए और बढ़ा दी है. श्याम का कहना है कि पूरे समय वह ऐसा ही काम करता रहेगा. उसका यह भी कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण कुछ ऐसे लोग भी है जो अपनों के शवों को लावारिस हालत में ही छोड जाते हैं. ऐसे शवों की भी वे अंतिम संस्कार कर रहे है. वहीं शहर के समाजसेवी हेमंत सिंह पवार सहित अन्य लोगों ने उनकी सेवा भावना से जुड़े इस पुण्य के कामों की सराहना की है.
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