हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में सोमवार को उस वक्त हंगामा मच गया, जब सैकड़ों ऑटो रिक्शा चालकों ने ऑनलाइन टैक्सी कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सी-21 मॉल के पास स्थित रैपीडो के ऑफिस का घेराव कर चालकों ने ताले जड़ दिए। उनका आरोप है कि रैपीडो, ओला और उबर जैसी कंपनियां मनमाने किराए वसूलकर न केवल ग्राहकों को गुमराह कर रही हैं, बल्कि परमिट शर्तों का भी उल्लंघन कर रही हैं। इंदौर ऑटो रिक्शा चालक महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष राजेश बिड़कर, निलेश सूर्यवंशी और रोहित बुडानिया ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि परिवहन विभाग द्वारा तय मीटर किराया पहले एक किलोमीटर के ₹20 और उसके बाद ₹17 प्रति किलोमीटर का पालन इन ऑनलाइन कंपनियों द्वारा नहीं किया जा रहा। इसके चलते शहर के लगभग 20,000 ऑटो चालक रोज़ाना आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं।
अवैध बाइक टैक्सी संचालन भी सवालों के घेरे में
ऑटो-रिक्शा चालक महासंघ ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां बिना किसी वैध ट्रेड लाइसेंस के दोपहिया वाहनों से टैक्सी सेवा भी चला रही हैं, जिनमें कई बार अपराधिक प्रवृत्ति के ड्राइवर बिना पुलिस वेरिफिकेशन के महिला सवारियों और छात्रों को ले जाते हैं। इससे महिलाओं की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। महासंघ के अनुसार, ये कंपनियां घरेलू बाइक को कमर्शियल वाहन के रूप में उपयोग कर रही हैं, जो न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि हादसे की स्थिति में यात्री को बीमा क्लेम भी नहीं मिल पाता।
ऑटो चालकों की चेतावनी – “ऑनलाइन तानाशाही नहीं चलेगी”
प्रदर्शन के दौरान ऑटो चालकों ने जोरदार नारेबाजी की और चेतावनी दी कि यदि इन ऑनलाइन कंपनियों के अवैध कार्यालयों को बंद नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। राजेश बिड़कर ने कहा, “हम ऑटो चालक रोज़ मेहनत करते हैं, लेकिन ऑनलाइन कंपनियों की मनमानी और सिस्टम की अनदेखी हमें खत्म कर रही है। अब चुप नहीं बैठेंगे।
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