हेमंत शर्मा, इंदौर। बाणगंगा थाने की सब इंस्पेक्टर अभिरुचि कनोजिया को लेकर गंभीर आरोपों और शिकायतों के बावजूद अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। थाने के स्टाफ का आरोप है कि सब इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है, लेकिन फिर भी उन्हें थाने से हटाया नहीं गया। स्टाफ ने डीजीपी से लेकर पुलिस कमिश्नर तक पूरे मामले की शिकायत की है और सबूतों के साथ कार्रवाई की मांग की है।
शिकायत में साफ तौर पर कहा गया है कि टीआई सियाराम गुर्जर ने कनोजिया की जांच की जानकारी छिपा ली और जानबूझकर उन्हें बचाने का प्रयास किया। अभिरुचि कनोजिया के खिलाफ पहले भी कई बार विवाद खड़े हो चुके हैं। मारपीट के वीडियो सामने आ चुके हैं और दो बार लोकायुक्त में भी शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इसके बावजूद अब तक उन्हें हटाया नहीं गया, जिससे पुलिस महकमे के अंदर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
डीजीपी के निर्देश भी इस मामले में नजरअंदाज होते दिख रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट आदेश दिए थे कि जिन पुलिसकर्मियों पर विभागीय जांच चल रही हो या आपराधिक मामले दर्ज हों, उन्हें फील्ड ड्यूटी से हटाया जाए। इसके बावजूद कनोजिया को बाणगंगा जैसे संवेदनशील थाने में बनाए रखा गया है। फिलहाल इसके पीछे की क्या वजह हो सकती है इसको समझा जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक या खबर तक आई है कि अभिरुचि अपना अलग ही थाना संचालित करती हैं, जहां बड़े लेनदेन किए जाते हैं। शिकायत में हवलदार संजय बामने और शेषपाल परिहार का भी नाम है। आरोप है कि ये दोनों दूसरी बार उसी थाने में पदस्थ किए गए हैं, जबकि नियम के अनुसार किसी पुलिसकर्मी को एक ही थाने में दोबारा पदस्थ नहीं किया जा सकता। पूरे मामले ने पुलिस विभाग के अंदर की साठगांठ, नियमों की अनदेखी और राजनीतिक प्रभाव को उजागर कर दिया है।
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