हेमंत शर्मा, इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में लाउडस्पीकर की ऊंची आवाज पर रोक लगाने का आदेश दिया था। हालांकि, इंदौर के तिलक नगर क्षेत्र में धर्मस्थलों पर अभी भी तेज आवाज में लाउडस्पीकर का उपयोग हो रहा है। इस मुद्दे पर इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसके बाद सभी संबंधित अधिकारियों और संस्थानों से जवाब तलब किया गया है।

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क्या है मामला?

तिलक नगर क्षेत्र के धर्मस्थलों पर तेज आवाज से हो रहे ध्वनि प्रदूषण को लेकर शैलेश उर्ध्वरेषे नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि लाउडस्पीकर की ऊंची आवाज बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। पहले भी राजेंद्र वर्मा बनाम मप्र मामले में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर नियंत्रण के आदेश दिए जा चुके हैं।

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हाईकोर्ट का रुख 

हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों से हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि तेज आवाज को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम का पालन कैसे किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य शासन से भी इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी गई है। याचिका में प्रमुख सचिव गृह, पुलिस आयुक्त, संभागायुक्त, डीसीपी जोन टू, एसीपी खजराना, टीआई तिलक नगर और कुछ धर्मस्थलों के प्रबंधकों को पक्षकार बनाया गया है। इन सभी से हाईकोर्ट ने मामले में उनका पक्ष स्पष्ट करने के लिए जवाब तलब किया है। यह मामला मुख्यमंत्री के आदेश के अनुपालन की स्थिति और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने में प्रशासनिक विफलताओं को उजागर करता है।

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