हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश की इंदौर क्राइम ब्रांच ऑनलाइन ठगी के मामलों पर लगातार कार्रवाई कर रही है. एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि साल 2024 के शुरुआती 8 महीनों (जनवरी से अगस्त) में 5 करोड़ 60 लाख रुपए से अधिक की राशि ठगी के शिकार हुए लोगों को वापस करवाई जा चुकी है. यह राशि अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. जिससे इंदौर क्राइम ब्रांच प्रदेश में सबसे ज्यादा राशि रिकवर करने वाली टीम बन गई है.
इस अभियान के सफलता का श्रेय एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया को जाता है. क्योंकि ग्वालियर में बढ़ते साइबर क्राइम के अपराधों को देखते हुए साइबर क्राइम से बचने के लिए सेशन लेने की शुरूआत ग्वालियर के MAT यूनिवर्सिटी से की गई थी. उसके बाद लगातार सिलसिला जा रही है. 365 दिन में से ढाई सौ दिन लगातार सेशन लिए गए हैं. जिसमें से अब तक 250 सेशन लिए जा चुके हैं. जिसका परिणाम है कि लोग अवेयर हुए और उन्होंने क्राइम ब्रांच से तुरंत संपर्क किया. जिसके कारण 5 करोड़ से ज्यादा की राशि क्राइम ब्रांच वापस करने में सफल रही है.
ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव के लिए जागरूकता अभियान
क्राइम ब्रांच ने न केवल ठगी की घटनाओं पर कार्रवाई की, बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए भी कदम उठाए हैं. एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि साइबर पाठशाला अभियान के तहत लाखों लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के तरीके बताए गए हैं. साल 2022 में एमिटी यूनिवर्सिटी ग्वालियर से शुरू हुए जागरूकता सेशन को अब इंदौर में भी जारी रखा गया है. जिससे लोग ठगी के शिकार होने से पहले सतर्क हो सकें.
ठगी के प्रमुख तरीके
इंदौर क्राइम ब्रांच ने ठगों के अपनाए जाने वाले कुछ प्रमुख तरीकों को उजागर किया है. जिनसे लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार बनते हैं.
- फर्जी टास्क बेस्ड इन्वेस्टमेंट स्कीम: जहां शुरुआत में छोटा मुनाफा दिखाकर बाद में बड़ी रकम की ठगी की जाती है.
- फर्जी कस्टमर केयर नंबर: गूगल पर सर्च करके फर्जी कस्टमर केयर से संपर्क कर ठग ठगी कर लेते हैं.
- बैंकिंग या बिजली विभाग के फर्जी अधिकारी बनकर: ठग ऐप्स डाउनलोड करवाकर पीड़ितों के मोबाइल को रिमोटली एक्सेस करते हैं.
- फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल: आकर्षक प्रोफाइल बनाकर दोस्ती कर सेक्सटोर्शन के जरिए ब्लैकमेलिंग की जाती है.
- फर्जी OLX खरीद-बिक्री: जिसमें पेमेंट लेने के बहाने UPI पिन या OTP की ठगी की जाती है.
सीसीटीवी और हेल्पलाइन की मदद से ठगी का पर्दाफाश
ऑनलाइन ठगी की वारदात को रोकने के लिए क्राइम ब्रांच की फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीमों को साइबर हेल्पलाइन, सिटीजन कॉप और NCRP पोर्टल से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए लगाया गया है. सीसीटीवी फुटेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की मदद से ठगों की पहचान की जा रही है और उन पर कार्रवाई की जा रही है.
2024 में अब तक की उपलब्धि
साल 2024 के केवल आठ महीनों में 5 करोड़ 60 लाख रुपए से अधिक की राशि ठगी से पीड़ित आवेदकों को वापस कराई गई है. यह आंकड़ा पिछले सालों से कहीं ज्यादा है. जिससे यह स्पष्ट होता है कि इंदौर क्राइम ब्रांच ऑनलाइन ठगी के मामलों में अत्यधिक प्रभावी कार्रवाई कर रही है. अगर आपके साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी होती है तो इंदौर पुलिस की साइबर हेल्पलाइन 704912-4445, 1930 या NCRP पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
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