हेमंत शर्मा, इंदौर। क्राइम ब्रांच इंदौर एक बार फिर विवादों में घिर गई है। हाल ही में 105 ग्राम हेरोइन (ड्रग्स) की बरामदगी मामले में पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत 50 लाख रुपये बताई थी। लेकिन पुलिस की डेली सिचुएशन रिपोर्ट (डीएसआर) में असली आंकड़े सामने आए, जिसमें इस ड्रग्स की कीमत मात्र 1.05 लाख रुपये बताई गई है।
क्या है मामला?
डीसीपी राजेश कुमार त्रिपाठी ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर 105 ग्राम हेरोइन (ड्रग्स) बरामदगी की जानकारी दी थी। उन्होंने इसे बड़ी कार्रवाई बताते हुए इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 50 लाख रुपये घोषित की। यह खबर मीडिया में बड़ी सुर्खियां बनी। हालांकि, डीएसआर में दर्ज जानकारी ने इस दावे को गलत साबित कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, 105 ग्राम हेरोइन की वास्तविक कीमत 1.05 लाख रुपये है।
मीडिया में बने रहने का खेल?
आरोप लग रहे हैं कि क्राइम ब्रांच ने मीडिया में सुर्खियां बटोरने और बड़ी कार्रवाई दिखाने के लिए ड्रग्स की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की। जानकारों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कीमत के नाम पर आंकड़ों को बढ़ाने का यह पहला मामला नहीं है।यह खुलासा पुलिस विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है। बड़े दावे और वास्तविकता में फर्क ने क्राइम ब्रांच की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मामला सामने आने के बाद अब यह बहस शुरू हो गई है कि क्या पुलिस विभाग अपने आंकड़ों को सही तरीके से पेश करता है, या फिर मीडिया में बने रहने के लिए तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की जाती है। घटनाक्रम मीडिया के बीच चर्चा को जन्म दिया है। ऐसे मामलों में पुलिस की साख और कार्रवाई की पारदर्शिता पर जोर दिया जा रहा है। क्या यह सिर्फ एक चूक है या जानबूझकर किया गया खेल? यह सवाल अभी भी बना हुआ है। अधिकारियों से इस पर सफाई की उम्मीद की जा रही है, लेकिन अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।
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