चंकी बाजपेयी, इंदौर। फर्जी डिजिटल अरेस्ट मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने यूपी के रहने वाले बाप-बेटे को गिरफ्तार किया है. पकड़ गए आरोपियों ने मदरसे से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा फलाह दारेन मदरसा समिति के करेंट बैंक अकाउंट यूज करने की बात सामने आई है.

क्राइम ब्रांच डीसीपी राजेश त्रिपाठी ने बताया कि 65 वर्षीय महिला से डिजिटल अरेस्ट के नाम ऑनलाइन ठगी की वारदात को दिया था. ठगों ने खुद को टेलीकॉम रेग्युलेशन अथॉरिटी से इंक्वायरी अधिकारी बताकर धमकाया था और कहा था कि एक पार्सल कंबोडिया भेजा गया है. कस्टम विभाग भी इसकी इंक्वायरी कर रहा है, जिसमें ड्रग्स, आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए करोड़ों के ट्रांजैक्शन मिले हैं. आपके खिलाफ हमें वारंट निकाल दिया है. इसके बाद बुजुर्ग महिला से आरटीजीएस के माध्यम से 46 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर करवाई गई थी.

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महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच पड़ताल करते हुए कन्नौज करने वाले 69 वर्षीय अली अहमद और 36 वर्षीय असद अहमद को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि मदरसे का बैंक अकाउंट 50% कमीशन पर उपलब्ध कराने का कार्य करना बताया जा रहा है. क्राइम ब्रांच ने 42 बैंक खातों को भी फ्रिज किया है, जिसमें करोड़ों रुपए के ट्रांजैक्शन मिले हैं. फिलहाल, तमाम तथ्यों के आधार पर पुलिस और क्राइम ब्रांच जांच पड़ताल कर रही है, उत्तर प्रदेश पुलिस से भी तमाम सबूत को साझा किया जा रहे हैं, लेकिन जिस तरह से पहली बार मदरसे के अकाउंट से जुड़ा हुआ तथ्य सामने आया है वह काफी चौंकाने वाला है.

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