हेमंत शर्मा, इंदौर। पर्यावरण दिवस पर आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का एक बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। अपने भाषण के दौरान विजयवर्गीय ने नेताओं के भाषण और महिलाओं के पहनावे की तुलना कर दी, जो अब उनकी छवि और पार्टी की स्थिति दोनों के लिए असहज मोड़ बनता दिख रहा है।

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मंत्री ने मंच से कहा 

मंत्री विजय वर्गीय ने कहा कि “हमारे यहां अगर कोई महिला अच्छे कपड़े पहने, गहने पहने, सजे-संवरे तो हम कहते हैं- बहुत सुंदर है। लेकिन विदेशों में सोच अलग है, वहां कम कपड़े पहनने वाली महिला को सुंदर माना जाता है। वहां ये कहावत चलती है कि जैसे कम कपड़े पहनने वाली महिला सुंदर लगती है, वैसे ही कम बोलने वाला नेता अच्छा होता है। लेकिन मैं इसे नहीं मानता। मुझे कम कपड़े पहनने वाली पसंद नहीं। उन्होंने आगे कहा कि कई बार लड़कियां सेल्फी लेने आती हैं तो मैं कह देता हूं, बेटा, अच्छे कपड़े पहनकर आओ तब फोटो लेंगे। 

नेताओं की कार्यशैली की चुटकी भी ली

अपने भाषण में विजयवर्गीय ने कुछ नेताओं और अधिकारियों की कार्यशैली को भी चुटीले अंदाज में पेश किया। उन्होंने विधायक महेंद्र हार्डिया का जिक्र करते हुए कहा कि वे कार्यक्रमों से चुपचाप निकल जाते हैं। शादी में भी लिफाफा टेंट वाले को सौंप देते हैं और चलते बनते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वे नगर निगम कमिश्नर से सीखना तो चाहते हैं, पर सीख नहीं पा रहे, क्योंकि “ उन्हें जब फोन लगाओ हां सर जी सर करता हूं सर कहते हैं। हालांकि कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय महिला के पहनावे को लेकर पहले भी विवादों में रह चुके हैं। 

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