चंकी बाजपेयी, इंदौर। मध्य प्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपने बयानों से हमेशा सुर्खियां बटोरने वाली इंदौर से भाजपा विधायक उषा ठाकुर एक बार फिर चर्चा में है. बढ़ते दुराचार को लेकर उन्होंने कहा कि आरोपियों को बीच चौराहे पर फांसी देनी चाहिए. उनके शव का अंतिम संस्कार न कर उन्हें चील और कौवे को दे देना चाहिए. उन्होंने बच्चियों से दुराचार करने वालों को कड़ी सजा देने कि सरकार से गुजारिश की है. साथ ही गरबा पंडाल में आईडी प्रूफ और पहचान पत्र की जांच करने के फैसले पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का धन्यवाद किया है.

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25 सालों से गरबा पंडालों में आईडी प्रूफ चेक करने का अभियान

विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि वह पिछले 25 सालों से लगातार गरबा पंडालों में आईडी प्रूफ चेक करने को लेकर अभियान चला रही हैं. लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसके ली दिशा निर्देश जारी किया है, वह काफी अच्छा निर्णय है. इससे हमारे बच्चियों की सुरक्षा बेहतर होगी.

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CM से लेकर पीएम से कि मांग

प्रदेश में नाबालिग बच्चियों के साथ हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां पर बच्चों के साथ दुराचार करने वालों को सीधे फांसी की सजा का प्रावधान है. मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक वह आग्रह कर चुकी हैं कि ऐसे अपराधियों को चार दीवारी के बजाय बीच चौराहे पर फांसी देना चाहिए और इनका अंतिम संस्कार भी नहीं करना चाहिए. इन्हें चील-कौवे नोच कर खाएंगे, तब जाकर ऐसे गंभीर अपराधों पर लगाम लग सकेगी.

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