चंकी बाजपेयी, इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर क्राइम ब्रांच ने पिछले दिनों फर्जी एडवाइजरी कंपनी पर छापामार कार्रवाई की थी. जो कि मुनाफे का लालच देकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने वाले एक डेवलपर को अरेस्ट किया है.
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एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि पिछले दिनों ऑनेस्ट टेक्नोलॉजी एडवाइजरी कंपनी पर छापामार कार्रवाई की गई थी. जहां से 18 मोबाइल, लैपटॉप और कई उपकरण जब्त किए गए थे. चार युवकों को मौके से गिरफ्तार किया गया था, जिनसे पूछताछ के बाद सॉफ्टवेयर डेवलपर पुनीत वाधवानी को गिरफ्तार किया गया है. उसी ने यह सॉफ्टवेयर बनाया था, जिसके माध्यम से ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता था.
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पुलिस ने बताया कि प्रत्येक सॉफ्टवेयर पर डेवलपर 10,000 रुपये लेता था. वह ऐसा सॉफ्टवेयर बनाता था. जिससे सामने वाले को मैसेज उसके अकाउंट से संबंधित जाता था और उसमें पैसे बढ़ाते हुए नजर आते थे, लेकिन पैसे उसके खाते में कभी बढ़ते नहीं थे. इसी आधार पर ठग वारदातों को अंजाम देकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे.
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