हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के घर पर हमला कर बेटे को नग्न करवाने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी ने जीतू को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से निष्कासित किया था। अब इंदौर में बीजेपी सदस्यता से निष्कासित पार्षद जीतू का नाम और सरनेम विवादों में है। शुरुआत में जीतू ने अपने नाम के साथ ‘यादव’ सरनेम का इस्तेमाल किया। इस पर यादव समाज ने कड़ी आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा और कार्रवाई की मांग की। इसके बाद मामला और उलझ गया, जब उनके नाम के साथ ‘जाटव’ सरनेम सामने आया। 

शपथ पत्र में नया खुलासा 

अब lalluram.com को मिले एक शपथ पत्र में नया खुलासा हुआ है। दस्तावेजों के अनुसार, जीतू का असली सरनेम ‘देवतवार’ है। यह सरनेम पहले कभी सामने नहीं आया था, जिससे सरनेम बदलने की वजह पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। परदेशीपुरा थाने में दर्ज FIR में जीतू का नाम “जीतू यादव, पिता जगनलाल यादव” के रूप में दर्ज है। और पार्षद चुनाव के दौरान दायर शपथ पत्र में उन्होंने अपना नाम ‘जीतू देवतवार’ लिखा। सरनेम बदलने के पीछे क्या कारण हैं, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज अपराधों को छिपाने के लिए ऐसा किया हो सकता है। 

क्या अब दर्ज होगी FIR ?

जीतू की जादूगरी से सवाल यह भी है कि क्या जीतू ने पुलिस और निर्वाचन आयोग को गलत जानकारी दी? अब प्रशासन की ओर से जांच कब की जा सकती है, और जांच के बाद क्या जीतू यादव पर षड्यंत्र की धाराओं में पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी यह अब देखना होगा। 

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