अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश केशहडोल जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इलाज के लिए पैसे मांगने के आरोप के बाद अब गर्भवती महिला के साथ अभद्रता कर अस्पताल से निकालने का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार ने कलेक्टर, कमिश्नर सहित प्रदेश स्तर तक शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है। 

ड्यूटी डॉक्टर और नर्स ने अभद्र भाषा का किया प्रयोग 

अनूपपुर जिले के जमुनाकालरी राजीव चौक वार्ड नंबर-1, थानाभालूमाड़ा जिला अनूपपुर निवासी अफरोज अंसारी (40 वर्ष) ने लिखित शिकायत में बताया कि वह 26 अगस्त की रात अपनी गर्भवती पत्नी सिरीन अंसारी को जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे थे। भर्ती पर्ची कटवाने के बाद जब वे डिलीवरी वार्ड पहुंचे, तो उस समय इमरजेंसी ड्यूटी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। अफरोज का आरोप है कि जब उनकी पत्नी प्रसव पीड़ा से कराह रही थी, तब वार्ड में मौजूद ड्यूटी डॉक्टर और दो नर्स ने चेकअप किया और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा , रात में सोते समय दिमाग खराब करने चले आते हो, दिन में समय नहीं मिलता क्या? परिजनों का आरोप है कि नर्स ने उनके मित्र और चाची के सामने भी अपमानित किया तथा कहा कि प्रसव ऑपरेशन से होगा, जबकि जिला अस्पताल में ऑपरेशन की सुविधा नहीं है, इसलिए उन्हें किसी निजी अस्पताल में भर्ती करवाना होगा। 

महिला के पति ने सीएम हेल्पलाइन में की शिकायत 

महिला की जान को खतरा देखते हुए अफरोज ने तत्काल सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई और अपनी पत्नी को निजी अस्पताल ले गए, जहां सुबह 4 बजे प्रसव हुआ,  शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि समय पर निजी अस्पताल नहीं ले जाते, तो उनकी पत्नी की जान जा सकती थी,  उन्होंने ड्यूटी डॉक्टर, नर्स और सिविल सर्जन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। शिकायत की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है, जिसे सात दिन में प्रतिवेदन सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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