कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। चिड़ियाघर घूमने के लिए अंचलभर के साथ दूर दराज से सैलानी यहां आते हैं, यह चिड़ियाघर स्टेट टाइम में बनाया गया था जो अब बड़े क्षेत्र में फैल चुका है, यहां बर्ड्स मैमल्स और रेप्टाइल्स को मिलाकर लगभग 550 से ज्यादा स्पेशीज यानी की जानवर और पक्षी मौजूद है। इनके रखरखाव और खान-पान पर निगम को सालाना करोड़ों रुपए का खर्च करना पड़ता है। ऐसे में लोग वन्य जीवों के प्रति जागरूक हो साथ ही नगर निगम अपना आर्थिक बोझ कम कर सके इसको लेकर वन्य जीवों को गोद लेने का अभिनव प्रयास किया गया। जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने सबसे पहले इस कदम में रुचि दिखाते हुए आगे आए और जानवरों और पक्षियों को गोद लिया।
किस अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने गोद
- नगर निगम सभापति मनोज सिंह तोमर ने एक घड़ियाल को गोद लिया
- नेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने अजगर को गोद लिया
- निगम आयुक्त अमन वैष्णव ने मोर को गोद लिया
- जनसंपर्क अधिकारी पवन शर्मा ने बंदर को गोद लिया
- डिप्टी कमिश्नर डॉक्टर अतिवल सिंह यादव ने उल्लू को गोद लिया
- कार्यशाला प्रभारी पुष्पेंद्र श्रीवास्तव ने कछुए को गोद लिया
- कार्यपालन यांत्रिक श्रीकांत कांटे ने हिरण को गोद लिया
- चिड़ियाघर प्रभारी डॉक्टर उपेंद्र यादव ने लंगूर को गोद लिया
- क्यूरेटर गौरव परिहार ने कोबरा सांपों को गोद लिया
डॉ अतिबल सिंह यादव-डिप्टी कमिश्नर, नगर निगम ग्वालियर ने कहा-बीते दशहरे के दौरान गोद लेने के लिए यह सभी नाम आगे तो आए लेकिन इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं की। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इनमें से किसी ने भी गोद लेने की प्रक्रिया पूरी करने की राशि जमा नहीं की। एक नजर उस राशि पर भी डालते हैं जिसके जरिए आप भी इन जानवर और पक्षियों को गोद ले सकते हैं।
-घड़ियाल 54000
-अजगर 5400
-मोर 7200
-बंदर 23400
-उल्लू 28800
-दो कछुए 3600
-हिरण 36000
-लंगूर 23400
-कोबरा 10800
जागरूकता अभी नजर नहीं आ रही
चिड़ियाघर प्रभारी डॉ उपेंद्र यादव का कहना है कि जिम्मेदारों की उदासीनता से कहीं ना कहीं इस अभिनव प्रयास पर असर पड़ा है, एक और जहां नैनीताल और कानपुर चिड़ियाघर में पक्षियों और जानवरों को गोद लेने के लिए लंबी वेटिंग देखने मिल रही है वहीं ग्वालियर में उतनी जागरूकता अभी नजर नहीं आ रही है। हालांकि सवाल पूछे जाने तक डॉक्टर उपेंद्र यादव ने यह भी बताया है कि सभापति मनोज सिंह तोमर ,नगर निगम कमिश्नर अमन वैष्णव, क्यूरेटर गौरव परिहार और उनके द्वारा गोद ली जाने की राशि जमा कर दी गई है और जो लोग शेष रह गए हैं उनसे संपर्क कर जल्द राशि जमा कराई जाएगी।
गोद लेने के लिए दी गई राशि 1 साल के लिए प्रभावी
बता दें कि ग्वालियर चिड़ियाघर में गोद लेने के लिए सबसे सस्ता फिंच वर्ड्स तो सबसे महंगा टाइगर है जिसके लिए आपको लगभग चार लाख रुपए की राशि देनी होगी। गोद लेने के लिए दी गई राशि 1 साल के लिए प्रभावी रहती है। बहरहाल लल्लूराम डॉट काम और न्यूज 24 एमपी सीजी द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद प्रबंधन ने भी उम्मीद जताई है कि जनप्रतिनिधि अधिकारी जल्द अपनी राशि जमा करेंगे, साथ ही अन्य लोग भी इन वन्य प्राणियों को गोद लेने के प्रति आगे आएंगे।
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