रणधीर परमार, छतरपुर। मध्यप्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ गया है. सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों को चिकित्सा सुविधा के अलावा शहरों में खाली भवनों को कोविड केयर सेंटर बनाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है. वहीं समाजसेवी संस्थाओं द्वारा अपने हिसाब से कोविड मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. इस बीच प्रदेश के एक सरकारी अस्पताल में मरीजों को जांच करने से मना किए जाने का मामला सामने आया है. जिला अस्पताल द्वारा मरीजों के उपचार में मनाही का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. वायरल वीडियों में कर्मचारी मरीज को साफ मना करते दिख रहे हैं. इस वायरल वीडियो को पुष्टि लल्लूराम डॉट काम नहीं करता है.
छतरपुर जिला अस्पताल में खुले फीवर क्लीनिक का एक वीडियो वायरल
जानकारी के अनुसार छतरपुर जिला अस्पताल में खुले फीवर क्लीनिक का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में कोरोना की जांच कराने गए एक शख्स की जांच करने से कर्मचारी ने मना कर दिया. उस शख्स ने कर्मचारी का वीडियो बना लिया. वीडियो में कर्मचारी बोल रहा है कि ऊपर के अधिकारियों यानी सीएमएचओ साहब ने कम जांच करने के आदेश दिए है. यहां रोजाना सिर्फ 50 लोगों की ही जांच होगी. अब चाहे तो इसकी शिकायत आप कलेक्टर से कर दें. हमें जो आदेश मिला हम उसी का पालन करेंगे।
हमारी बात को गलत तरीके से ले लिया
वहीं इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. विजय पथोरिया ने अपनी सफाई में मीडिया से कहा है कि जांच कम करने के संबंध में ऐसे कोई आदेश नहीं दिये है. हमने सिर्फ इतना कहां जो ज्यादा जरूरी है उनकी जांच तुरंत की जाए, बाकी लोगों की जरा रुककर. हमारी इस बात को फीवर क्लीनिक वाले कर्मचारियों ने गलत तरीके से ले लिया है.
क्या वाकई सरकार कोरोना के आंकड़े छिपा रही है
वहीं अस्पताल प्रबंधन के इस रवैए से इस बात को बल मिल रहा है कि सरकार कोविड मरीजों के आंकड़े छिपा रही हैं. आज ही एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर मरीजों के आंकड़े छिपाने के आरोप लगाए थे. फीवर क्लीनिक के इस रवैए से उनका आरोप सच साबित हो रहा है कि सरकार अपनी नाकामी और कोरोना संक्रमण से हुए मौत के आंकड़े छिपा रही है.