सुशील खरे, रतलाम. पहलगाम आतंकी हमले के बाद एमपी पुलिस एक्टिव हो गई है. रतलाम में पुलिस बांग्लादेशी कारीगरों (बांग्लादेशियों) की जांच शुरू कर दी है. रविवार दोपहर सभी बांग्लादेशियों को शहर के धनजीबाई नोहरा क्षेत्र में एकत्र किया. जहां पर एक-एक से उनके आधार कार्ड जांचे. आधार कार्ड का ऑनलाइन चेक कर नाम का सत्यापन किया. बड़ा सवाल ये है कि जिले में सैकड़ों बंगाली डॉक्टर हैं, न उनपर किसी का कोई ध्यान गया और ना वेरिफिकेशन, ना जांच पड़ताल की गई.

बता दें कि रतलाम में लगभग 5 हजार बांग्लादेशी कारीगर रहते हैं, जो सराफा बाजार में आभूषण बनाने का काम करते हैं. कई लोग तो ऐसे हैं, जिनको रतलाम में रहते हैं सालों बीत गए. अधिकतर माणक चौक थाना क्षेत्र में रहते हैं, जिनमें से आज मंगलवार तक लगभग 400 के वेरिफिकेशन और आधार कार्ड की केवाईसी हुई है. लेकिन अब सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या जिले में रह रहे सैकड़ों बांग्लादेशी डॉक्टरों की जानकारी पुलिस को है? सूत्रों की मानें तो पुलिस को बांग्लादेशी डॉक्टरों के बारे में नहीं है.

एसपी ने कही ये बातें

एसपी अमित कुमार ने बताया कि बाहर से आकर कई लोग रतलाम में रह रहे हैं. उनके बारे में जांच की जा रही है. सभी का वोटर और आधार कार्ड से सत्यापन ऑनलाइन किया जा रहा है. मिलान नहीं होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा जो हम कार्रवाई रहे हैं वो एक वो रूटीन प्रक्रिया है. साथ ही बांग्लादेशी डॉक्टरों और किरायेदार की सूचना पर भी ध्यान दिया जाएगा. इस पर हम समय समय पर कार्रवाई करते हैं.

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