कुमार इंदर, जबलपुर। इन दिनों एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जिनके कनेक्शन न केवल पाकिस्तान से है, बल्कि अलग-अलग मुल्कों में फैले एजेंटों से भी है। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर इन एजेंटों ने पाकिस्तान समेत तमाम मुल्कों में अपना जाल बिछा रखा है। जो भोले-भाले लोगों को विदेशों में बड़ी-बड़ी कंपनियों में मोटी सैलरी दिलाने का झांसा देते हैं। उनसे रकम ऐंठी जाती है। फिर विदेश भेज कर उनका जीवन बना दिया जाता है। 

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विदेश जाने के नाम पर घबराने लगा इमरान

जबलपुर से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। 21 साल के इमरान अंसारी को मलेशिया में नौकरी दिलाने के नाम पर एजेंटों ने ऐसा जाल रचा कि वह अब विदेश जाने के नाम से भी घबरा जाता है। जबलपुर के गोहलपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले इमरान अंसारी ने शिकायत दर्ज कराई है कि एक पाकिस्तान एजेंट ने उसका पासपोर्ट छीन लिया। उसके बदले में उससे लाखों रुपए की मांग कर रहा है। 

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नौकरी के नाम पर भेजा मलेशिया, सच्चाई पता चलते ही उड़े होश

बीते दिनों मलेशिया से लौटकर आए इमरान अंसारी ने अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि किस तरह जबलपुर के एजेंट ने दूसरे मुल्क में बैठे एजेंटों के साथ मिलकर उसे एक पीटीपी कंपनी में 45 हजार रुपए की सैलरी दिलाने के नाम पर विदेश भेजा। जैसे ही ईमरान अंसारी मलेशिया पहुंचा उसके होश उड़ गए। इमरान अंसारी के मुताबिक जब वह मलेशिया पहुंचा तो वहां पर ना तो कोई कंपनी थी और ना ही किसी तरह का कोई रोजगार। 

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जंगल में उतारा, रात में नदी पार कराई, रूम में बंद किया

इमरान ने 25 मार्च 2024 को जबलपुर से मुंबई और फिर मुंबई से बैंकॉक पहुंचकर एजेंट को फोन लगाया। इसके बाद उसे बैंकॉक में दूसरे एजेंट से मिलवाया गया। एजेंट ने 18 घंटे ट्रेन में सफर करवा कर उसे एक जंगल में उतार दिया। यहां से कई किलोमीटर पैदल चलाने के बाद एक मकान में ले जाया गया। रात होने पर उसे फिर से जंगल के रास्ते नदी पार कराते हुए मलेशिया पहुंचाया गया। जब इमरान मलेशिया पहुंचा तो उसके होश उड़ गए। वहां न तो कोई कंपनी का पता था और न काम। इसके बाद उसे जंगल में बने एक रूम में बंद कर दिया गया। यहां वह अकेला नहीं था। उसकी तरह न जाने कितने सताए मासूम और जरूरतमंद लोग वहां पर कैद थे।

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3 महीने एक ही कमरे में रहकर गुजारे

इमरान अंसारी ने बताया कि उसको मलेशिया के पास एक जंगल में बने घर में रखा गया। जहां इमरान को अन्य लोगों के साथ 3 महीने तक कैद रखा गया। उसी कमरे में खाना पीना भी मिलता था। जिन लोगों को वहां रुकवाया गया था, उन सभी से खाने-पीने का भी पैसा लिया जाता था। इमरान भी जैसे-तैसे अपने घर वालों से पैसे मंगवा कर वहां पर दिन काट रहा था। 3 महीने के बाद किसी तरह वह उस घर से भागने में कामयाब हो गया। इसके बाद वह खुद एक कंपनी में काम करने लगा। कुछ दिन काम करने के बाद उसने अपने वतन वापस आने का मन बनाया।

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व्हाइट वीजा बनाकर वापस लौटा इमरान

एजेंटों के चंगुल में बुरी तरह फंसे इमरान अंसारी ने बताया कि 4 महीने किसी तरह नरक की जिंदगी जीने के बाद वह भाग कर वह इंडियन एंबेसी पहुंचा। वहां पर घर वालों से पैसे मंगवाकर भारतीय दूतावास को अपनी सारी बात बताई। बड़ी मुश्किल से किसी तरह वह अपने वतन वापस आ पाया।

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अपना पासपोर्ट और पैसे वापस करने की मांग

गोहलपुर थाने में अपनी फरियाद लेकर पहुंचा इमरान और उसके पिता अब बस इतना चाहते हैं कि पाकिस्तान एजेंट के हाथ में इमरान का जो पासपोर्ट है, वह किसी तरह उसे वापस मिल जाए। साथ ही जिस एजेंट ने उसे धोखाधड़ी का शिकार बनाया है, उससे उसके पैसे वापस मिल जाए। साथ ही इनके खिलाफ कानूनी कारवाई हो ताकि भविष्य में इस तरह से कोई मासूम और जरूरतमंद लोग इनके चंगूल में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद ना करें।

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जबलपुर के इश्तियाक और सलीम ने दिया था झांसा

इमरान अंसारी ने बताया कि जबलपुर के रहने वाले इश्तियाक और सलीम ने उससे मिलकर उसे विदेश भेजने के नाम पर 90 हजार रुपए दिए। 25 मार्च 2024 को जबलपुर से मुंबई के लिए रवाना कर दिया। मलेशिया में 4 महीने नरक की जिंदगी गुजारने के बाद 25 जुलाई को जबलपुर वापस लौटा।

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इसके पहले भी विदेश जा चुका है इमरान

पुलिस की पूछताछ पता चला है कि इमरान अंसारी काम की तलाश में इसके पहले भी एक बार विदेश जा चुका है। हालांकि, इसके पहले विदेश में काम न मिलने पर उसे 24 घंटे बाद ही अपने वतन लौट आया था। सबसे पहले काम की तलाश में 29 जनवरी 2024 को क्वालमपुर पहुंचा था। लेकिन वहां वर्क वीजा न लगने की वजह से उसे वापस वतन भेज दिया गया।

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भारत के बहुत सारे लोग फंसे हैं चंगुल में

अपने वतन लौटे इमरान ने बताया कि चाहे बैंकॉक हो या मलेशिया, वहां पर इसी तरह अवैध तरीके से जाने वाले एजेंटों के हाथों धोखाधड़ी का शिकार होने वाले बहुत सारे लोग फंसे हुए हैं। जो अपने वतन आना चाहते हैं। लेकिन वे शायद उनके चंगुल से निकल नहीं पा रहे हैं। या फिर उनके पास अपने वतन वापस जाने के लिए पैसे और कागजात नहीं हैं। लिहाजा वो इस तरह वहां पर कैद हैं।

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