कुमार इंदर, जबलपुर. मानव जीवन की रक्षा के लिए जबलपुर में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. ग्रीन कॉरिडोर के जरिए शरीर के अहम अंग इंदौर और भोपाल भेजे गए. दरअसल, सागर के रहने वाले 61 साल के बलिराम कुशवाहा की सड़क दुर्घटना के दौरान मौत हुई थी, जिसके बाद बलिराम के परिजनों ने उनके अंग डोनेट करने का फैसला लिया.
मूल रूप से सागर के रहने वाले मृतक बलिराम कुशवाहा जबलपुर के सूरतलाई के पास हनुमान मंदिर में पिछले 10 सालों से पुजारी के रूप में पूजा-पाठ किया करते थे. वे अपनी मौत के पहले भी अपने परिजनों और परिचितों से अंग डोनेट करने का जिक्र किया करते थे. गुरुवार की अल सुबह जबलपुर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मृतक बलिराम कुशवाहा के अंगों को इंदौर और भोपाल के लिए रवाना किया गया. ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मृतक बलिराम कुशवाहा के हृदय को भोपाल और लीवर को इंदौर भेजा गया है.
हेलीकॉप्टर के जरिए भोपाल और एयरक्राफ्ट के माध्यम से बलिराम कुशवाहा के ऑर्गन को इंदौर रवाना किया गया. जबलपुर में यह अपनी तरह का पहला ग्रीन कॉरिडोर है, जिसके जरिए मानव जीवन की रक्षा के लिए ऑर्गन्स को इंदौर और भोपाल भेजा गया है. ग्रीन कॉरिडोर में डेढ़ सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी और जगह-जगह सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए, ताकि समय पर ऑर्गन्स को निश्चित जगह पर भेजा जा सके. एक ग्रीन कॉरिडोर जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से डुमना एयरपोर्ट तक के लिए बनाया गया.
दूसरा तिलवारा के पास बनाए गए, हेलीपैड के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया. तय समय पर ऑर्गन्स को निर्धारित जगहों पर भेजने के लिए पुलिस-प्रशासन और स्वास्थ्य महत्व की टीमें पूरी तरह मुस्तैदी से जुटी रही, जिसके बाद ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से मृतक बलिराम कुशवाहा के हृदय और लीवर को इंदौर भोपाल के लिए रवाना किया गया.
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