कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में डुमना एयरपोर्ट का करीब 500 करोड़ रुपए ख़र्च कर इसका विस्तार किया है। लेकिन इसके बाद भी यहां से सिमित शहरों के लिए विमान सेवा उपलब्ध है। ऐसे में सफेद हाथी बनते जा रहे डुमना एयरपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं। इसे लेकर लेकर नागरिक उपभोक्ता मंच ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें हाईकोर्ट को बताया गया कि प्रदेश के इंदौर, भोपाल व ग्वालियर से नियमित रूप से फ्लाइट्स संचालित हो रही हैं। जबकि एयरलाइंस कंपनियां जबलपुर के साथ भेदभाव कर रही हैं। 

15 मार्च को मामले की होगी अगली सुनवाई 

जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने आज मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी। आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान प्राइवेट एयरलांइस कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए जवाब प्रस्तुत करते हुए बताया कि  जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट में सुविधाएं तो बहुत है, लेकिन यहां के एयरपोर्ट में यूजर डेवलपमेंट चार्ज व एयरलाइन टर्मिनल फीस बहुत ज्यादा है। जो कि सरकार व एयरपोर्ट अथॉरिटी के द्वारा ली जा रही है। 

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हाईकोर्ट ने माना सरकार चार्ज कम करें तो सस्ती फ्लाइट चलाई जा सकती है। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार इतनी फीस क्यों ले रही हैं कि इतना बड़ा एयरपोर्ट बनने के बाद भी कंपनियां उड़ान नहीं भर पा रही है। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, एयरपोर्ट अथॉरिटी और मध्य प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। 

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