कुमार इंदर, जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने पल्मोनरी मेडिसिन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के पूर्व डायरेक्टर की फर्जी डिग्री का मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने फर्जी डिग्री को लेकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूछा कि आदेश के बाद भी पूर्व डायरेक्टर डॉ. जितेंद्र भार्गव के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई. जबकि सेक्शनल कमिश्नर ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे. विश्वविद्यालय का तर्क है कि हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर के कारण अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. लेकिन इस मामले में हाईकोर्ट का कोई स्टे आदेश नहीं है.
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इस फर्जी डिग्री मामले में मार्च 2024 में पूर्व डायरेक्टर डॉ. जितेंद्र भार्गव को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटाने का आदेश भी जारी किया गया था. इसके बावजूद एक साल से अधिक समय तक हाईकोर्ट और संभागीय कमिश्नर के निर्देशों की अनदेखी की जा रही है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे और अक्षय खंडेलवाल ने पक्ष रखा है. हाईकोर्ट इस मामले में विश्वविद्यालय का जवाब न मिलने पर एक तरफा कार्रवाई कर सकता है.
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