कुमार इंदर, जबलपुर। रायपुर के कारोबारी ‘महेंद्र गोयनका’ की जबलपुर में मौजूद फैक्ट्री ‘निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड’ में तेंदुए का शव मिलने से हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने शव को जब्त किया और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। ग्रामीणों ने तेंदुए का शिकार करने की आशंका जताई है। साथ ही यहां आए दिन अधिकारी और अन्य लोगों के लिए मटन पार्टी आयोजित करने समेत कई गंभीर आरोप कारोबारी महेंद्र गोयंका पर लगाए हैं।

जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी महेंद्र गोयंका ने मध्य प्रदेश सरकार से प्लांट लगाने की अनुमति लेकर जमीन ली। लेकिन औद्योगिक भूमि पर फार्म हाउस बना लिया। जहां शिकार के लिए तालाब और मकान बनवा दिए। 

पिछले 10 दिनों में महेंद्र गोयनका की निसर्ग इस्पात के नाम से जमीन लेकर बनाए गए फार्म हाउस में तीन बार फारेस्ट विभाग का छापा पड़ चुका है। इस दौरान महेंद्र गोयनका के मैनेजर सहित तीन लोग जेल भी गए थे। लेकिन मैनेजर तीन दिन पहले जमानत पर छूट कर आ गया और सबूत मिटाने के लिए जेसीबी से गड्ढा खुदवा कर जानवरों के अवशेष गाड़ने की कोशिश की।  

आज तीसरी बार डीएफओ ने छापा मार कर राष्ट्रीय स्तर के पशु तेंदुआ को जब्त किया। आरोप यह भी है कि वन विभाग के कुछ कर्मचारी महेंद्र गोयनका से पैसे लेकर मामले को दबा रहे थे। जिन्हें पकड़ लिया गया और डीएफओ ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।

ग्रामीणों ने लगाया शिकार का आरोप

आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में लंबे समय से जंगली जानवरों का शिकार हो रहा है। विभागीय स्तर पर कार्रवाई भी धीमी गति से हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी कई बार सूअरों के शिकार की घटनाएं सामने आईं, लेकिन कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए।

यह है पूरा मामला 

दरअसल, आज वन विभाग की टीम आज गोयनका की फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई करने पहुंची थी। इस दौरान सिहोरा वन परिक्षेत्र के घुघरा गांव के पास शव बरामद हुआ। अब मंडला टाइगर रिजर्व की डॉग स्क्वॉड टीम जांच करेगी। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट से तेंदुए की मौत का खुलासा होगा जिससे यह सच सामने आएगा कि उसकी मौत कोई हादसा थी या फिर उसका शिकार किया गया था। 

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