कुमार इंदर, जबलपुर। मीडिया में ‘लव जिहाद’ शब्द के इस्तेमाल के खिलाफ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि लव जिहाद शब्द से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक आस्था प्रभावित हो रही है। याचिका में अखबार और चैनलों पर हिंदू, मुसलमान के बीच में द्वेष फैलाने की दलील दी गई। हाई कोर्ट के जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता के पास वैकल्पिक कानूनी प्रावधान उपलब्ध है। याचिकाकर्ता उसके माध्यम से इसे चुनौती दे सकता है।

भोपाल निवासी ने दायर की थी याचिका

भोपाल निवासी मारूफ अहमद खान की तरफ से यह याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि मुस्लिम के धार्मिक भावनाओं को नापसंद करने और लव जिहाद शब्द को विकृत कर पेश कर हिंदू और मुसलमानों के बीच द्वेष फैलाया जा रहा है। साथ ही मांग की थी कि मीडिया के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए। इस्लाम के खिलाफ परोसी जाने वाली भ्रामक खबरों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी करें। इससे धर्मनिरपेक्षता की भावना प्रबल हो और धर्म के कारण मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर लगाम लग सके।

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हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले रिट याचिका में सुनने योग्य नहीं है, HC ने दखल देने से इंकार करते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो संबंधित थाने में इसकी शिकायत कर सकता है। सुनवाई नहीं होने पर अदालत में परिवाद पेश कर सकते हैं। याचिकाकर्ता ने याचिका में 2 प्रमुख अखबारों पर भी कार्रवाई की मांग की। 

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