कुमार इंदर, जबलपुर. यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के विनिष्टीकरण की वैज्ञानिक रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी NGT में राज्य शासन की ओर से अंडरटेकिंग दी गई है. दरअसल, जबलपुर के डॉक्टर पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से NGT में याचिका दायर की गई थी, जिस पर यह फैसला लिया गया है.
विनिष्टीकरण के दौरान वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और AQI लेवल की स्थिति भी स्पष्ट की जाएगी. आमजनों में किसी तरह की भ्रांति न फैले इसे लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा. विशेषज्ञों की टीम की मॉनिटरिंग में विनिष्टीकरण की कार्रवाई होगी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दायर की गई याचिका में जहरीले कचरे के निस्तारण के बाद बड़ी त्रासदी की आशंका जताई गई थी.
याचिकाकर्ता ने जहरीले कचरे के विनिष्टिकरण की वैज्ञानिक रिपोर्ट को हिंदी और इंग्लिश में सार्वजनिक करने और अखबारों में प्रकाशित करने की मांग रखी थी. मुख्य सचिव, आला अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से भी जहरीले कचरे के निस्तारण के बाद किसी प्रकार का नुकसान न होने संबंधी अंडरटेकिंग देने की याचिका में मांग की गई थी.
गौरतलब है कि 2 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस कांड हुआ था. रात 8:30 बजे से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की हवा धीरे धीरे जहरीली होनी शुरू हो गई थी. जैसे-जैसे रात बीती, वैसे-वैसे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ इकट्ठा होने लगी. सुबह तक तो राजधानी कब्रिस्तान में तब्दील हो गई. इस त्रासदी की गिनती सबसे खतरनाक औद्योगिक दुर्घटना में होती है. इसमें न जाने कितनों की जानें गई, कितने अपंग हो गए.
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