कुमार इंदर, जबलपुर। आजादी के इतने वर्षों बाद भी समाज में छुआछूत का जहर मौजूद है, जो दलित और शोषित वर्ग के अंतिम संस्कार में भी बाधा बन रहा है। मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है।  यहां एक शख्स की मौत के बाद दलित परिवार सरकारी जमीन में उसका अंतिम संस्कार करने पहुंचा था। जहां दबंगों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। मामला पाटन के चपोद का है। समाज के लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप इसकी शिकायत की है। 

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जानकारी के मुताबिक पाटन के चपोद में 25 मार्च को एक शख्स की मौत हो जाने के बाद दलित परिवार सरकारी जमीन पर उसका अंतिम संस्कार करने पहुंचा था। लेकिन यहां जमीन पर कब्जा कर बैठे एक विशेष समाज के लोगों ने परिवार के लोगों को अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। जिसके बाद इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई। कलेक्टर ने सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के आदेश दिए हैं। इसके पहले भी दलित समाज ने मुक्तिधाम के लिए जमीन आवंटन करने की शासन प्रशासन से मांग की थी। लेकिन अब तक इस पर कोई अमल नहीं किया गया है। 

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जानें कलेक्टर ने क्या कहा ?

मामले में जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने कहा कि घटना 25 मार्च की है। इसकी जांच कराई गई है, समाज के लोग भी यहां पहुंचे थे। एसडीएम समेत प्रशासनिक अमला भी मौके पर जांच के लिए पहुंचा था। साथ ही स्थानीय लोगों से भी बातचीत की गई है। जांच में सामने आया कि गोठान की यह जमीन है, जिस पर पटेल समाज के लोगों का कब्जा था। जमीन में फसल लगी हुई थी, इसलिए समाज के लोग चाहते थे कि दाह संस्कार किसी दूसरी जगह कर लिया जाए। मौके पर पटवारी और राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी पहुंचे और उन्होंने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कराई। कलेक्टर ने बताया कि जिस जमीन पर अतिक्रमण था उसे हटवा दिया गया है। साथ यहां मुक्तिधाम बनाने के लिए जनपद पंचायत को आदेश दे दिया गया है। जो सभी समाज के लोगों के द्वारा समान रूप से उपयोग किया जाएगा। 

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