कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 5 साल की मासूम से रेप और हत्या के बहुचर्चित मामले में ट्रायल कोर्ट के जज का विसंगतिपूर्ण आदेश सामने आया है। आदेश में आरोपियों की सजा में कहीं एक तो कहीं 2 साल लिखा गया है।ट्रायल कोर्ट के आदेश पर एमपी हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह की बेंच ने नाराजगी जताई है। एमपी हाईकोर्ट की डबल बेंच ने संबंधित जज पर कार्रवाई के लिए मामले को चीफ जस्टिस के समक्ष रखे जाने के निर्देश दिए हैं।

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5 साल की मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या

दरअसल पिछले साल भोपाल के शाहजहांनाबाद में 5 साल की मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी। 27 सितंबर 2024 को सभी आरोपी गिरफ्तार हुए थे। पॉक्सो कोर्ट की जज कुमुदिनी पटेल ने 10 मार्च 2025 को फैसला सुनाया था। फैसले के आदेश में आरोपियों को कहीं 1 तो कहीं 2 साल की सजा का जिक्र किया गया है।

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आदेश की अंतिम तालिका में दो-दो साल की सजा

आरोपी की मां और बहन की अपील पर एमपी हाईकोर्ट ने की पॉक्सो जज की खिंचाई की है। विसंगति पूर्ण आदेश के लिए पॉक्सो जज पर कार्रवाई के लिए मामले को चीफ जस्टिस के समक्ष भेजा जाएगा। भोपाल की ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी अतुल निहाले को फांसी की सजा सुनाई थी। सबूत छुपाने के आरोप में आरोपी की मां और बहन को एक-एक साल की सजा दी गई थी। आदेश की अंतिम तालिका में दो-दो साल की सजा का उल्लेख किया गया है।

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