प्रभाकर सिंह, कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी मुख्यालय से 37 किमी की दूरी में बसे औद्योगिकी नगरी कैमोर में इस बार 102 फीट का रावण बनाया गया था। जिसका इलेक्ट्रिक बाण से अंत हो गया। पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक संजय पाठक ने बताया कि कैमोर के दहशरा का इतिहास दशकों पुराना है, जिसे ईको-फ्रेंडली बनाने के लिए बांस, मिट्टी, रस्सी और कपड़े का प्रयोग करते हैं। कैमोर दशहरे में सबसे बड़ा योगदान एसीसी अडानी ग्रुप कंपनी का है, जो इस परंपरा को पिछले 87 साल से जारी रखे हुए है।

मुख्य अतिथि संजय पाठक ने आगे बताया कि मध्यप्रदेश के कई जिलों से लोग कैमोर का दशहरा देखने आते हैं। इसके लिए कम्पनी देश की प्रसिद्ध रामलीला मंडली बुलाती है, जो पूरे नौ दिनों तक भगवान श्रीराम के जीवन चरितार्थ दिखाते हैं। अंतिम दिन यानी दशहरे की रात भगवान श्रीराम इलेक्ट्रिक बाण से इस बार 102 फीट रावण का दहन किया, जो पूरे दशहरे का आकर्षण का केंद्र भी है। यह पर्व इस बात का प्रतीक है कि बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो। लेकिन उनके अंत के लिए महज एक सच्चाई रूपी तीर ही काफी होता है।

उन्होंने इस पर्व को असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक वाला पर्व बताया है। जिनके अनुसार प्रभु श्रीराम का जीवन बताता है कि हमें कैसे एक पुत्र, भाई और राजा बनना चाहिए। बता दें, इस बड़े आयोजन को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न करवाने के लिए जिला प्रशासन और कम्पनी के सुरक्षा कर्मियों की टीम तीन स्तरीय घेरा बनाती है। इसके अलावा सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से निगरानी बनाए रखते हैं, ताकि कोई दुर्घटना न हो सके।

कंपनी हेड वैभव दीक्षित ने बताया कि कटनी जिले के कैमोर का रावण और दशहरा पूरे देश में प्रसिद्ध है, जिसे देखने लाखों लोग यहां आते हैं।

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