
इमरान खान, खंडवा. मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में वन भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ पिछले 36 दिनों से मुहिम चल रही है. गुड़ी क्षेत्र में 23 से ज्यादा बुलडोजर की मदद से 3 हजार एकड़ जमीन मुक्त कराई जा चुकी है. अब टाकलखेड़ा इलाके में मुहिम चल रही है. वहां खेतों में बड़े-बड़े गड्ढे किए जा रहे हैं. जिससे अतिक्रमणकारी बुआई के लिए दोबारा हल न चला सके. इसलिए हाथों हाथ बबूल-नीम जैसे वृक्षों के बीज फेंके जा रहे हैं. बारिश के समय वहां पौधेरोपण भी किए जाएंगे. तीन साल तक इनकी निगरानी रखेंगे. जिससे पौधे बड़े हो जाए.
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वन विभाग की अमला आमाखजूरी के विवादित हिस्से को छोड़ अन्य जगह हो रहे अतिक्रमण पर बुलडोजर से कार्रवाई की जा रही है. बताया जा रहा कि प्रतिदिन 8-8 घंटे 23 बुलडोजर चलवाकर गड्ढे किए जा रहे हैं. अभी तक नाहरमाल और आमाखजूरी के 749 नंबर के क्षेत्र पर कार्रवाई करते हुए हजारों वनभूमि से अतिक्रमण हटाया गया है. अब टाकलखेड़ा में बुलडोजर चलवाए जा रहे हैं. जिसमें 1 हजार एकड़ जमीन को भी मुक्त करा लिया गया है. डीएफओ राकेश डामौर ने बताया कि जमीन पर बड़े गड्ढे करने के साथ वहां फिर से वन तैयार किए जा सके. इसके लिए अभी से प्रयास किए जा रहे हैं.
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प्रशासन ने अपने स्तर पर आमाखजूरी, बोरखेड़ा, सरमेश्वर, सालईढाना, सेमल्या, सीताबेड़ी, हंडिया सहित अन्य इलाकों में रहने वाले 74 अतिक्रमणकारियों की लिस्ट बनाई है. अतिक्रमणकारियों की जांच की तो पता चला कि ये अवैधानिक तरीके से राजस्व और वन भूमि पर कब्जा करके रह रहे थे. इसलिए राशन कार्ड, लाड़ली बहना, सम्मान निधि, पीएम आवास और पेंशन योजना जैसी योजनाओं के लाभ नहीं मिलेंगे.
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