हेमंत शर्मा, इंदौर। शहर में सफाई अभियान के तहत नगर निगम दुकानों के बाहर कचरा मिलने पर उन पर चालान लगा रहा है, और चालान न भरने पर उन्हें सीलबंद कार्रवाई भी कर रहा है। इसी क्रम में, नगर निगम ने दूसरी बार एक शराब दुकान को सील कर दिया, जिससे सरकार को एक दिन में लगभग चार से छह लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हो गया। मामला यह है कि 50 हजार के चालान के बदले नगर निगम द्वारा दुकान सील करने से राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है।

नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा से इस विषय में बात की गई तो उन्होंने दुकान सील करने की जानकारी होने से इनकार किया और कहा कि वह जांच कराएंगे। इससे पहले संयोगितागंज थाना क्षेत्र में भी जीपीओ शराब दुकान को सील करने से सरकार को लाखों का नुकसान हो चुका है। आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त मनीष खरे का कहना है कि शराब दुकानों को सील करने के लिए कलेक्टर के आदेश की आवश्यकता होती है, और उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी। ऐसे में सवाल यह है कि नगर निगम ने किस नियम के तहत दुकान को सील किया, और क्या यह सरकार के राजस्व को क्षति पहुंचाने वाला कदम है?

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