शरद पाठक, छिन्दवाड़ा. शासन-प्रशासन द्वारा इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसके बाद भी कुछ लोगों ने कोरोना आपदाकाल को मुनाफा कमाने का जरिया बना लिया है. कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद गंभीर मरीजों की जान बचाने में सहायक साबित होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी थमते नजर नहीं आ रही है.
इंजेक्शन बेचने की फिराक में घूम रहे 24 वर्षीय युवक को दबोचा
छिंदवाड़ा पुलिस ने एक स्टिंग ऑपरेशन कर जिला मुख्यालय में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की फिराक में घूम रहे 24 वर्षीय युवक को दबोचा है. युवक को देहात थाना पुलिस ने महाराष्ट्र के अमरावती जिला थाना गाडग़े नगर शुभम लेआउट रोहनी पार्क कथोरा नाका निवासी अजिंक्य (24) पिता प्रफुल्ल ठाकरे को गिरफ्तार किया है. आरोपी के कब्जे से पुलिस ने 6 बॉयल रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त कर आवश्यक वस्तु अधिनियम, महामारी एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा में प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
सूचना मिली थी कि एक अज्ञात व्यक्ति रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की फिराक में है
पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल को 29 अप्रैल को मुखबीर से सूचना मिली थी कि एक अज्ञात व्यक्ति रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की फिराक में है. प्रत्येक इंजेक्शन का दाम 25 हजार रुपए तय कर रखा है. एसपी अग्रवाल ने सूचना की पुष्टि करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार उइके, नगर पुलिस अधीक्षक कीर्ति नरवरिया एवं देहात थाना के प्रभारी टीआई महेन्द्र भगत को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया.
मरीज बनकर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाले के मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क किया
तत्काल एक टीम का गठन किया गया और योजनाबद्ध तरीके से टीम के एक सदस्य ने मरीज बनकर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाले के मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क किया. टीम ने मौके पर पहुंच घेराबंदी कर अजिंक्य ठाकरे को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से छह इंजेक्शन, मोबाइल और मोटरसाइकिल क्रमांक एमएच 28 एई 0015 जब्त की है. आरोपी के कब्जे से जब्त सामग्री का बाजार मूल्य 3 लाख 25 हजार रुपए आंकी गई है.