तनवीर खान, मैहर. मध्य प्रदेश के मैहर जिले में मासूम बच्चों की जान को जोखिम में डाला जा रहा है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि जिले में सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्र की हालत जर्जर है. इन्हीं जर्जर भवनों में आंगनबाड़ी संचालित की जा रही है. ऐसे में बच्चों की जान जोखिम में रहती है. तमाम जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों के अंदर बैठकर बच्चों को पोषण आहार और खेल-खेल में शिक्षा देने का काम किया जा रहा है. अगर हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन होगा? आखिर क्यों जिम्मेदार जोखिम के बीच मासूमों को रखने का काम कर रहे हैं?
दरअसल, यह मामला जिले के कंचनपुर का है. जहां केंद्र क्रमांक- 1 बेहद जर्जर स्थिति में है और कभी भी ढह सकता है. अगर संचालन अवधि में हादसा हुआ तो कई मासूमों की जान जोखिम में पड़ने की आशंका है. कंचनपुर की तरह ही जिले में तमाम ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जो जर्जर हो चुके हैं.
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ऐसे में न तो इनका मेंटेनेंस कराया जा रहा और न ही शिफ्ट कर सुरक्षित जगहों पर केंद्रों का संचालन किया जा रहा. इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेंद्र बांगरे ने परियोजना अधिकारी से रिपोर्ट लेकर आगे की कार्रवाई करने की बात कही है. अब देखना होगा कि इस मामले में कब तक क्या निर्णय लिया जाता है?
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