अभय मिश्रा, मऊगंज। मध्य प्रदेश के मऊगंज में एक बार फिर स्वास्थय व्यवस्था की लापरवाही उजागर हुई है। देवतालाब क्षेत्र की 9 माह की गर्भवती महिला की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने शंकर अस्पताल पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। 

अस्पताल ने जमा कराए 30 हजार एडवांस

दरअसल, प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती महिला को पहले सिवल अस्पताल ले जाया गया था। परिजनों का आरोप है कि यहां डॉक्टरों ने उसे फ़ौरन रीवा के संजय गांधी अस्पताल रेफर कर दिया। समय कम होने और स्थिति गंभीर होती देख परिवार उसे देवतालाब के शंकर अस्पताल ले गया। यहां अस्पताल प्रबंधन ने इलाज शुरू करने से पहले 30 हजार रुपये एडवांस जमा करा लिए। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बच्चे को सकुशल निकाला। लेकिन कुछ देर बाद महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई।

प्रयागराज ले जाने के दौरान रास्ते में तोड़ा दम

अस्पताल प्रबंधन एंबुलेंस से महिला को प्रयागराज ले जा रहा था लेकिन महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया और अस्पताल वालों ने मृतिका को घर ले जाकर छोड़ दिया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई है। 

अस्पताल ने नहीं दिया शव वाहन

शिकायत के आधार पर पुलिस ने पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए मऊगंज सिविल अस्पताल भेजा। लेकिन यहां पोस्टमार्टम के बाद शव ले जाने के लिए शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ। जिसके बाद मायूस परिजन को प्राइवेट वाहन से शव लेकर जाना पड़ा। 

परिजन का कहना है कि शंकर अस्पताल की लापरवाही से हमारी बहु की जान चली गई है। उन्होंने इस घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

बता दें कि मऊगंज ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर प्रद्युम्न शुक्ला ने माना था कि शंकर हॉस्पिटल का अवैध रूप से संचालन हो रहा है। जिसके खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी अब तक न कोई कार्रवाई हुई और न मामले पर संज्ञान लिया गया। नतीजा यह हुआ कि आज एक गर्भवती महिला की मौत हो गई।

अब देखना होगा कि शंकर अस्पताल के ऊपर कार्रवाई की जाती है या ऐसे ही जान लेने के लिए धूल खाती फाइल में छोड़ दिया जाएगा?

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