कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटेकर मंगलवार को ग्वालियर पहुंची,उनके द्वारा ग्वालियर की जीवन दायनी नदी रही “स्वर्ण रेखा नदी” का निरीक्षण किया गया। उनके साथ स्वर्णरेखा नदी पुनरुद्धार को लेकर जनहित याचिका दायर करने वाले एडवोकेट विश्वजीत रतोनियां भी साथ रहे।
मेधा पाटेकर देश भर की छोटी बड़ी नदियों के पुनरुद्धार और संरक्षण को लेकर लड़ाई लड़ रही है। वह मंगलवार को ग्वालियर रेवेन्यू कोर्ट में एक मामले में सुनवाई के लिए पहुंची थी, लेकिन सुनवाई आगे बढ़ने पर वह इतिहास के पन्नो में शहर की जीवनदायिनी नदी रही स्वर्ण रेखा नदी का जायजा लेने पहुंची। स्वर्ण रेखा नदी अब स्वर्णरेखा नाले में तब्दील हो चुकी है। ऐसे में उनके साथ स्वर्ण रेखा नदी को उसके पुराने स्वरूप में लौटाने के लिए लड़ाई लड़ने वाले एड विश्वजीत रतोनिया भी पहुँचे। दोनों की मौजूदगी में लक्ष्मी बाई समाधि के बगल में नदी क्षेत्र को देखा गया। मौके पर एलिवेटेड रोड निर्माण के चलते भारी मात्रा में मिट्टी और उसमें बहते सीवेज के गंदे पानी को देख उन्होंने दुख जाहिर किया।मेधा पाटेकर ने कहा कि ” किसी भी नदी को तटबंध में बांधना उसके मूल रूप से बड़ी छेड़छाड़ होता है, हैरानी यह है कि ग्वालियर की स्वर्ण रेखा नदी जिसकी धारा कभी कल कल होकर बहती थी। आज नाले के रूप में बदल गई है। इसकी पहचान भी अब शहर के बड़े नालों में की जाती है।
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स्वर्ण रेखा नदी का कंक्रीट के जरिए तटबंध किया गया। इसके साथ ही इसके वाटर स्टोर एरिया पर अतिक्रमण हुआ। इतना ही नहीं स्वर्ण रेखा नदी में सीवेज लाइन तक बिछा दी गई,जो वैज्ञानिक पद्धति में पूरी तरह से गलत काम हुआ है। विकास के नाम पर नदियों का विनाश करना क्षेत्र के साथ प्रदेश और देश के भविष्य के लिए बहुत खराब है। इसके पुराने स्वरूप में लौटाने के लिए हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर कई निर्देश जारी हो चुके हैं लेकिन अब तक उस पर कोई काम शुरू नहीं हुआ,यह स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़ा करता है।
मेधा पाटेकर ने ग्वालियर हाई कोर्ट परिसर में अंबेडकर प्रतिमा मामले को लेकर भी कहा है कि समाज में महापुरुषों की मूर्ति लगाना अच्छी बात है लेकिन उनके विचारों को समझना भी उतना ही जरूरी होता है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग कह रहे है की संविधान का असली निर्माण सर बी एन राव ने किया है तो यह गलत है। BN राव को में भी नही जानती।
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आपको बता दे कि मेधा पाटेकर ग्वालियर स्थित मध्यप्रदेश राजस्व न्यायालय में सेंचुरी मिल बनाम श्रमिक जनता संघ केस में शामिल होने आए थी।यह पूरा मामला स्टांप ड्यूटी चोरी का है और गलत तरीके से मिल के विक्रय से जुड़ा है,जिसमें सेंचुरी मिल की ट्रेंड यूनियन श्रमिक जनता संघ मिल बचाने की लड़ाई मेधा पाटकर के साथ मिलकर लड़ रही हैं।
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