सुनील शर्मा, भिंड। बीते 6 महीने पहले मुरैना जिले में जहरीली शराब पीने से 27 लोगों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार हरकत में आई. अवैध शराब की बिक्री रोकने को लेकर सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर्स को निर्देश जारी किए गए, जिसके कारण अवैध शराब कारोबारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई. इसमें भिंड जिले में भी शराब माफिया पर जिला प्रशासन ने हल्ला बोला, जिसमें आबकारी एक्ट के 354 मामले दर्ज हुई. इस कार्रवाई में अवैध शराब बनाने की चार फैक्ट्रियां पकड़ी गई.
प्रदेश सरकार भले ही शराब मड़ियों पर शिकंजा कसने के लाख दावे करती हो, लेकिन भिंड ज़िले में अवैध शराब का धंधा बेलगाम है. खुद शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री ओपीएस भदौरिया के गृह ग्राम में अवैध शराब बनाने की दो मर्तबा फैक्टरियां पकड़ी जा चुकी हैं, जिनका खुलासा खुद भिंड पुलिस प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में कर चुकी है, लेकिन मंत्री जी कहते हैं कि उनके गांव में ऐसी कोई गतिविधि नहीं हुई है.
जब मीडिया उन्हें याद दिलाई, तो मंत्री जी ना सिर्फ़ उन सवालों को नकार दिए, बल्कि खीजते भी कैमरों में क़ैद हुए हैं. वहीं विपक्ष भी मंत्री की कथनी और करनी पर सावलिया निशान लगा रहा है. खुद कांग्रेसी के राष्ट्रीय महासचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी CM से लेकर थानेदारों तक के महीने बंधे होने का आरोप लगाया है.
भिंड ज़िले में अवैध शराब की बिक्री और बनाने का कारोबार नया नहीं है. समय-समय पर यहां कई बार पुलिस ने अवैध शराब पकड़ी है. इतना ही नहीं इसी साल पिछले 6 महीने में अवैध शराब को लेकर 354 केस दर्ज हुए हैं, जिनमें बड़ी कार्रवाई प्रदेश के नगरीय प्रशासन और आवास विभाग के राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया के गृह ग्राम अकलोनी में दो बार छापा मार कार्रवाई में 2 शराब फैक्टरी और मंत्री ओपीएस की विधानसभा मेहगांव में चार अवैध शराब फैक्टरियां पकड़ी गई हैं.
हाल ही में मंत्री ओपीएस भदौरिया ने मानसून सत्र के दौरान सदन में हुए हंगामे को लेकर भिंंड में प्रेस कॉन्फ़्रेन्स करते हुए बयान दिया कि सरकार इस सत्र में एक नया क़ानून लाने वाली थी, जिसमें अवैध शराब निर्माण करने वालों को मृत्युदंड का प्रावधान किया जा रहा है, लेकिन विपक्ष में बैठी कांग्रेस के बड़े नेता अवैध शराब के धंधे में लिप्त हो सकते हैं, जिसकी वजह से हंगामा कर बाधा उत्पन्न की गई.
मंत्री जी ने जब अवैध शराब के लिए दोष का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ा तो पत्रकारों ने उनसे उनके गृहग्राम अकलौनी में पकड़ी गई शराब फैक्ट्रियों के बारे में सवाल दाग दिया. जिस पर पहले तो मंत्री OPS भदौरिया ने इस तरह की किसी भी गतिविधि से इनकार करते हुए खंडन किया, लेकिन जब पत्रकारों ने FIR का हवाला दिया तो मंत्री जी की खीज उनके जवाबों में भी साफ़ नज़र आने लगी.
वहीं विपक्ष पर लगे आरोपों को लेकर भिंड दौरे पर आए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी पलटवार करते हुए कहा कि सभी जानते हैं कि अवैध शराब निर्माण के लिए मुख्यमंत्री से लेकर थानों तक के महीने बंधे हैं. अगर खुद मंत्री के क्षेत्र में शराब फ़ैक्ट्रियां पकड़ी जा रही हैं, तो कहीं ना कहीं उनका संरक्षण तो मिल ही रहा होगा. वहीं सरकार द्वारा शराब माफिया को मृत्युदंड वाले क़ानून को लेकर भी पूर्व सीएम ने कहा कि अभी सिर्फ़ कह रहे हैं क़ानून लाए कहां हैं.
बता दें कि पिछले आठ महीने में मंत्री ओपीएस भदौरिया की विधानभवन में 4 फैक्टरियां पकड़ी जा चुकी हैं, जिनमें 14 जनवरी को अकलौनी के छोटे सिंह के घर पुलिस ओर संभागीय आबकारी उड़नदस्ता और भिंड पुलिस लाइन के बल ने दबिश देकर अवैध शराब निर्माण फ़ैक्ट्री पकड़ी थी. दूसरी कार्रवाई हरीक्षा में शराब फ़ैक्ट्री पकड़ते हुए 26 जनवरी को की गई.
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तीसरी अवैध शराब फ़ैक्ट्री 17 जून को फिर मंत्री भदौरिया के गृहग्राम अकलौनी में पकड़ी. वहीं चौथी कार्रवाई बहुआ में संचालित अवैध शराब फ़ैक्ट्री पर 23 जून को की गई, लेकिन मंत्री जी झल्ला-झल्लाकर कह रहे हैं कि उनकी नज़र में आज तक उनके क्षेत्र में नक़ली या अवैध शराब का निर्माण नहीं हुआ.
अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आख़िर क्या पुलिस ने झूठी कार्रवाई दिखाकर ये FIR दर्ज की है या मंत्री जी झूठ बोलकर शराब मफ़िया को संरक्षण दे रहे हैं. बहरहाल जो भी हो, लेकिन मंत्री ओपीएस भदौरिया के इस बयान से अब मंत्री और पुलिस आमने-सामने ज़रूर नज़र आ रहे हैं.
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