
योगेश पाराशर, मुरैना. ‘साहब मैं जिंदा हूं और पूरी तरह स्वस्थ हूं. लेकिन ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक ने मात्र 1000 रुपये की रिश्वत के लिए मुझे सरकारी रिकार्ड में मृत घोषित कर दिया है. इस कारण मैं नौकरी के लिए आवेदन भी जमा नहीं कर पा रही हूं’. ये कहना है जनसुनवाई में पहुंची एक महिला का, जो अब अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है.
दरअसल, मंगलवार को जौरा खुर्द की रहने वाली महिला भावना कुशवाह कलेक्टर कार्यालय पहुंची. उसने कलेक्टर अंकित अस्थाना को बताया कि मेहटौली ग्राम पंचायत के भूरा डांडा गांव में उसका मायका है. 6 जून 2023 को उसकी शादी जौरी खुर्द के मुकेश कुशवाह से हुई थी. शादी के बाद वह परिवार आईडी में परिवर्तन के लिए पंचायत में गई.
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रोजगार सहायक विद्याराम कुशवाह ने मेहटौली की परिवार आईडी से नाम हटाकर मुरैना नगर निगम के वार्ड 9, ससुराल की परिवार आईडी में नाम जोड़ने के बदले 1000 रुपये मांगे. पैसे नहीं दिए तो उसने परिवार आईडी से सदस्यता को डिलीट कर दिया और मृत दर्शा दिया. इस बात का पता तब लगा, जब रेलवे में भर्तियों के लिए आवेदन करने गई. रोजगार सहायक ने 7 जनवरी 2024 को मुझे मृत घोषित कर दिया.
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अब सवाल खड़ा होता है कि क्या रिश्वतखोर रोजगार सहायक पर कार्रवाई होगी? रोजगार सहायक के इस करतूत ने महिला की जिंदगी बर्बाद कर दी. क्योंकि वह सरकारी नौकरी के लिए आवेदन भी जमा नहीं कर पा कर रही है. रोजगार सहायक को आखिर किसका शह है?
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